मालदीव ने पाकिस्तान के साथ की पॉवर डील, भारत को दिया झटका

मालदीव ने पाकिस्तान के साथ की पॉवर डील, भारत को दिया झटका

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-07 12:00 GMT
मालदीव ने पाकिस्तान के साथ की पॉवर डील, भारत को दिया झटका

डिजिटल डेस्क, माले। मालदीव की सरकार ने भारत को झटका देते हुए पाकिस्तान के साथ पॉवर डील कर ली है। पिछले हफ्ते ही मालदीव स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कंपनी स्टेलको के अधिकारी पाकिस्तान गए थे, जहां उन्होंने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत के लिहाज से इस समझौते की टाइमिंग काफी अहम है। यह समझौता ऐसे वक्त हुआ है, जब मालदीव भारतीय कामगारों को परमिट देने से इनकार कर चुका है। बता दें कि मालदीव की सरकार लगातार अपने देश से भारत के प्रभाव को खत्म करने की कोशिश में जुटी है।

 

यही कारण है कि दोनों देश के संबंध भी तनावपूर्ण हो गए हैं। हेलीकॉप्टर वापस करने और भारतीय कामगरों को परमिट न देने के बाद मालदीव ने अब ऊर्जा क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान का हाथ थामा है। भारतीय अधिकारी मालदीव में पाकिस्तान की उपस्थिति को खतरनाक मान रहे हैं। उनके अनुसार, मालदीव का उपयोग पाकिस्तान भारत के खिलाफ जासूसी के लिए कर सकता है। 


पाक ने भी की विमान की पेशकश
  
अब भारत यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि जब स्टेल्को के सभी प्रमुख प्रोजेक्ट चीनी कंपनियों के पास हैं, तो फिर पाकिस्तान से समझौता करने की वजह क्या है? यह बात साफ है कि अपनी वित्तीय स्थिति के कारण पाकिस्तान मालदीव की बहुत ज्यादा मदद नहीं कर सकता है। इसके बावजूद मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति यामीन अपने देश से भारत का प्रभाव हर तरीके से खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं।" बता दें कि हाल ही में भारत द्वारा मालदीव को उसके क्षेत्र में एक निगरानी विमान डोर्नियर रखने का प्रस्ताव भी दिया गया था, लेकिन मालदीव इससे पीछे हट गया। इसके पीछे की वजह यह है कि पाकिस्तान द्वारा मालदीव को इसी तरह के विमान की पेशकश बताई जा रही है।

 

पुलिस अकादमी निर्माण में देरी कर रहा माले

मालदीव ने भारत को एक बार फिर याद दिलाया है कि नौसेना के हेलिकॉप्टर को हटाने की समय सीमा समाप्त हो गई है। बता दें कि मालदीव में भारत के सहयोग से एक पुलिस अकादमी का निर्माण हो रहा है, लेकिन माले इरादतन उसमें देरी कर रहा है। मालदीव के राष्ट्रपति यामीन हर तरीके से कोशिश कर रहे हैं कि भारत के प्रभाव को मालदीव में कम से कम रखा जा सके। वह मालदीव को भारत के प्रभाव और नई दिल्ली की निकटता दोनों से ही दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं।  

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