कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रोका गया 'जीनियस' सहित इन शब्दों का इस्तेमाल

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रोका गया 'जीनियस' सहित इन शब्दों का इस्तेमाल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-14 08:05 GMT
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रोका गया 'जीनियस' सहित इन शब्दों का इस्तेमाल

टीम डिजिटल, लंदन.  शिक्षा के माहौल में बराबरी का एहसास हो इसके लिए कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में एक नया नियम अपनाया जा रहा है. यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स की कॉपी चेक करते हुए एग्जामिनर्स को 'फ्लेयर', 'ब्रिलियंस' और 'जीनियस' जैसे शब्दों का प्रयोग करने से रोक दिया है. क्योंकि ये शब्द पुरुषों से संबंधित हैं. इंस्टिट्यूट में ब्रिटिश हिस्ट्री की लेक्चरर लूसी डेलप ने बताया कि इतिहास के अध्यापकों को इन शब्दों को इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है क्योंकि इनसे ऐसा लगता है कि 'लिंगभेद' किया जा रहा है.

डेलप ने बताया कि ऑक्सफर्ड और कैंब्रिज से महिलाओं के मुकाबले पुरुषों का अधिक संख्या में फर्स्ट क्लास डिग्री लिए जाने का एक कारण यह भी रहा है कि यहां महिलाओं को 'पुरुष वर्चस्ववादी माहौल' का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा, इन कुछ शब्दों में खासतौर पर 'जीनियस' का पुराना बौद्धिक इतिहास रहा है जहां काफी समय तक इनका प्रयोग केवल पुरुषों की विशेषताओं को बताने के लिए किया गया है.' 

उन्होंने कहा, हम अपने इतिहास की डिग्री के पहले दो साल के सिलेबस को दोबारा लिख रहे हैं ताकि छात्रों के पास अधिक पेपर्स की चॉइस हो. इसके साथ ही मूल्यांकन के मापदंडों को भी स्पष्ट किया जा रहा है. इसके साथ ही लूसी ने उदाहरण के तौर पर यह भी बताया कि यूनिवर्सिटी में अधिकांश पुरुष लेखकों की किताबें ही पढ़ाई जाती हैं और कॉलेज के चित्रों के कलेक्शन में भी उतनी विभिन्नता नहीं है. 

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