भारतीय मुस्लिमों व कश्मीर पर प्रभावी आवाज उठाए ओआईसी : पाकिस्तानी विदेश मंत्री

भारतीय मुस्लिमों व कश्मीर पर प्रभावी आवाज उठाए ओआईसी : पाकिस्तानी विदेश मंत्री

IANS News
Update: 2019-12-29 12:30 GMT
भारतीय मुस्लिमों व कश्मीर पर प्रभावी आवाज उठाए ओआईसी : पाकिस्तानी विदेश मंत्री

मुल्तान, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को कहा कि भारत में मुस्लिम विरोधी नागरिकता कानून और कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों पर ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के मंच से एक प्रभावी आवाज उठनी चाहिए।

कुरैशी का बयान इस आशय की रिपोर्ट के बीच आया है कि ओआईसी कश्मीर मुद्दे पर एक विशेष सत्र बुला सकता है। इस मुद्दे पर ओआईसी के ऐसे सत्र पहले भी हो चुके हैं और उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं रहा है लेकिन पाकिस्तान में इसे इस रूप में बताया जा रहा है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ऐसे सत्र के लिए राजी कर पाकिस्तान ने बड़ी राजनयिक जीत जैसी कोई चीज हासिल की है। हालांकि, रेडियो पाकिस्तान ने अपनी रविवार की रिपोर्ट में कहा है कि ओआईसी अप्रैल 2020 में इस्लामाबाद में भारतीय नागरिकता कानून और कश्मीर पर सत्र बुलाने जा रहा है लेकिन अभी यह आधिकारिक रूप से नहीं कहा गया है कि ऐसा कोई सत्र होने जा रहा है या नहीं।

एक संवाददाता सम्मेलन में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही इन मुद्दों पर आवाज उठा चुका है। उन्होंने कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध, विद्यार्थियों की शिक्षा में रुकावट और मरीजों को इलाज नहीं मिलने जैसे आरोप लगाए।

उन्होंने कहा, हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास है और इस दिशा में सभी जरूरी राजनयिक कदम उठाए जा रहे हैं। विश्व समुदाय के समक्ष भारत के इरादों का पर्दाफाश किया जाएगा।

कुरैशीन ने कहा कि उन्होंने इन मुद्दों को अन्य इस्लामी देशों के समक्ष उठाकर इन पर ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने का सुझाव दिया है। उन्हें इस दिशा में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

कुरैशी ने यह आरोप भी लगाया कि भारत ने सीमा पर ब्रह्मोस और अन्य मिसाइलों को तैनात किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने नियंत्रण रेखा को पांच जगह से काट दिया है। उन्होंने पूछा कि इससे क्या संकेत मिल रहा है और कहा कि भारत के इन कदमों से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा प्रभावित हो रही है।

उन्होंने कहा कि खुद भारत नागरिकता कानून को लेकर दो हिस्सों में बंट चुका है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भारतीय न्यायपालिका इस कानून को रद्द कर देगी।

Tags:    

Similar News