करतारपुर कंफ्यूजन: अब पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की जुरुरत नहीं

करतारपुर कंफ्यूजन: अब पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की जुरुरत नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-07 12:55 GMT
करतारपुर कंफ्यूजन: अब पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की जुरुरत नहीं

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। करतारपुर कॉरिडोर की एंट्री को लेकर पाकिस्तान ने कंफ्यूजन बढ़ा दिया है। एक तरफ पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा के प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित करतारपुर गुरुद्वारे आने वाले भारतीय यात्रियों के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य होगा। तो वहीं गफूर के इस बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि गुरुद्वारे आने वाले श्रद्धालुओं को पासपोर्ट लाने से छूट दी गई है।

विदे मंत्रालय ने कहा, श्रद्धालू अगले एक साल तक बिना पासपोर्ट करतारपुर यात्रा कर सकेंगे। मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने बाबा गुरु नानक के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए सद्भावना के तहत यह फैसला किया है।

इससे पहले पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा के प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित करतारपुर गुरुद्वारे आने वाले भारतीय यात्रियों के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा था कि सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी है। सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।

गफूर के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर फैसल ने कहा, यह (करतारपुर यात्रियों के लिए पासपोर्ट एक साल तक अनिवार्य नहीं होना) विदेश मंत्रालय की आधिकारिक अवस्थिति है। आईएसपीआर का बयान भी इससे अलग नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के बाद नौ और दस नवंबर को श्रद्धालुओं से बीस डॉलर का सेवा शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सद्भावना के कदमों के तहत दस दिन पहले यात्रा के लिए सूचित किए जाने की जरूरत को भी समाप्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि भारतीय राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू को करतारपुर की यात्रा के लिए पाकिस्तान ने वीजा जारी कर दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की इच्छुक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सदियों से प्राचीन सभ्यताओं का केंद्र रहा है। देश में मौजूद हिंदू और बौद्ध स्थलों को विकसित करने पर अब जोर दिया जाएगा।

उन्होंने इस बात को गलत बताया कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के जरिए खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा, हमारी नीति में ऐसी कोई नकारात्मकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा परियोजना पूरी तरह से प्रधानमंत्री इमरान खान की पहल है जिसे काफी हिचकिचाहट के बाद भारत ने मंजूर किया।

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान कारगिल और लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में भी परिवारों को मिलने-जुलने देने के लिए ऐसे ही गलियारे खोलेगा, फैसल ने कहा कि पाकिस्तान को इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन विचार विमर्श के प्रति भारत की हिचकिचाहट एक बड़ी बाधा है।

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