करतारपुर कॉरिडोर: पाक ने भारत के सामने रखी शर्त, एक दिन में सिर्फ 500 यात्री

करतारपुर कॉरिडोर: पाक ने भारत के सामने रखी शर्त, एक दिन में सिर्फ 500 यात्री

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-29 13:20 GMT
करतारपुर कॉरिडोर: पाक ने भारत के सामने रखी शर्त, एक दिन में सिर्फ 500 यात्री
हाईलाइट
  • करतारपुर कॉरिडोर के लिए पाकिस्तान जल्द ही भारत को एक प्रस्ताव भेजने जा रहा है।
  • भारत सरकार को यात्रियों की जानकारी तीन दिन पहले ही पाक सरकार को देनी होगी।
  • रिपोर्ट के अनुसार एक दिन में केवल 500 श्रद्धालुओं को ही करतारपुर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। करतारपुर कॉरिडोर के लिए पाकिस्तान जल्द ही भारत को एक प्रस्ताव भेजने जा रहा है। पाक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस प्रस्ताव में वह भारत से करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले लोगों के लिए कुछ शर्त रखनेवाला है। रिपोर्ट के अनुसार एक दिन में केवल 500 श्रद्धालुओं को ही करतारपुर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। वहीं भारत सरकार को यात्रियों की जानकारी तीन दिन पहले ही पाक सरकार को देनी होगी। यह प्रस्ताव भारत को सौंपे जाने से पहले ही पाकिस्तानी मीडिया में लीक हो गई है।

पाक द्वारा भारत को सौंपे जाने वाले प्रस्ताव में बताया गया है कि "इस समझौते का उद्देश्य भारत से करतारपुर साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों को वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करना है। तीर्थयात्रियों का एक डेटाबेस तैयार किया जाएगा जिसमें उनके नाम, यात्रा इतिहास और तीर्थयात्रियों की अन्य प्रासंगिक जानकारी होगी। इस समझौते को लागू करने के लिए दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ केंद्र स्थापित करेंगे। इनमें सुरक्षा केंद्र, यात्रियों के लिए सुविधा काउंटर और परमिट जारी करना शामिल है।"

वहीं परमिट जारी करने को लेकर भी पाकिस्तान सरकार ने कुछ शर्तें रखीं हैं। करतारपुर साहिब की यात्रा के लिए पाक केवल 500 तीर्थयात्रियों को परमिट देगा और एक ग्रुप में 15 यात्री शामिल होंगे। पाक ने यह भी कहा है कि तीर्थयात्रियों के पास पासपोर्ट और परमिट सर्टिफिकेट केवाल अंग्रेजी में होना चाहिए। वहीं भारत सरकार को 3 दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार के साथ यात्रियों और उनसे संबंधित प्रमाणपत्रों को साझा करना होगा। करतारपुर कॉरिडोर प्रतिदिन सुबह 8 से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।

प्रस्ताव के अनुसार यह समझौता सीमा सुरक्षा से संबंधित पक्षों के बीच मौजूदा प्रतिबद्धताओं को प्रभावित नहीं करेगा। वहीं समझौते से संबंधित विवाद या ऐसी कोई भी दिक्कतों को दोनों देशों मिलकर सौहार्दपूर्वक तरीके से निपटारा करेंगे। इस समझौते को पार्टियों के लिखित आपसी समझौतों द्वारा संशोधित किया जा सकता है। हालांकि इस प्रस्ताव में समझौते को लेकर तय अवधि नहीं बताई गई है और उम्मीद की जा रही है कि यह दोनों देश मिलकर तय करेंगे। इतना ही दोनों देश इस समझौते की अवधि को आपसी सहमति से किसी भी अवधि के लिए बढ़ा भी सकते हैं। प्रस्ताव के अनुसार दोनों को इस समझौते को समाप्त करने के लिए एक महीने पहले नोटिस देना होगा।

बता दें कि सिख समुदाय के लिए करतारपुर इसलिए महत्व रखता है। क्योंकि करतारपुर दरबार साहिब सिखों का बहुत बड़ा धार्मिक तीर्थ स्थल है। गुरुनानक देव ने अपने जीवन के आखिरी 15 साल यहीं बिताए और 1539 में आखिरी सांस यहीं ली। गुरुनानाक देव ने करतारपुर में सिख धर्म की स्थापना की थी। वहीं कॉरिडोर के शिलन्यास के मौके पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, हरदीप पुरी और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल होने पाकिस्तान गए थे।

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