नवाज शरीफ एंड फैमिली के बैंक खाते और संपत्तियां फ्रीज

नवाज शरीफ एंड फैमिली के बैंक खाते और संपत्तियां फ्रीज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-22 18:39 GMT
नवाज शरीफ एंड फैमिली के बैंक खाते और संपत्तियां फ्रीज

डिजिटल डेस्क लाहौर। पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सत्ता से बेदखल किए गए पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और उनके परिजनों के बैंक अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं। भ्रष्टाचार निरोधी इकाई राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) द्वारा उनकी संपत्ति भी जब्त कर ली गई है। 67 वर्षीय नवाज शरीफ ने पाक सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद बीती 28 जुलाई को पीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। 

भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई कर रहे इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रीय जवाबदेही कोर्ट ने शुक्रवार को नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद कैप्टन सफदर को 26 सितंबर के पहले हाजिर होने को कहा था। लेकिन उनके परिवार का कोई सदस्य अदालत में हाजिर नहीं हुआ। नवाज शरीफ अपने बच्चों के साथ इस समय लंदन में हैं, जहां उनकी पत्नी कुलसुम का गले के कैंसर का इलाज चल रहा है।  

नवाज के वापस नहीं लौटने के कयास
नवाज शरीफ परिवार के लंदन जाने के बाद पाकिस्तान में कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वह राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो का सामना करने के लिए पाकिस्तान वापस नहीं लौटेंगे। हालांकि पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पार्टी ने दावा किया कि पत्नी का स्वास्थ्य सुधरते ही नवाज वापस लौट आएंगे। एक NAB अधिकारी ने बताया कि हमने स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (एसबीपी) और अन्य व्यावसायिक बैंकों से आग्रह किया है कि जब तक नवाज शरीफ, उनके परिजनों और दामाद सफदर के मामले NAB में चल रहे हैं, उनके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया जाए।

उन्होंने बताया कि NAB ने कमिश्नर इस्लामाबाद, लाहौर के संघीय राजस्व बोर्ड के डिप्टी कमिश्नर, एक्साइज और टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों, सिक्यूरिटी एक्सचेंज कमीशन आफ पाकिस्तान और फेडरल बोर्ड आफ पाकिस्तान के चेयरमैन से शरीफ परिवार से जुड़ी संपत्तियां फ्रीज करने को कहा गया है। NAB ने वित्तमंत्री इशाक डार की पूर्व घोषित आय के स्रोतों से अलावा बाकी संपत्तियों को जब्त करने के पहले ही आदेश दिए हैं। इसके साथ ही NAB ने डार के खिलाफ बेलेबल गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए हैं, जो इस समय लंदन में हैं। 

संपत्तियों के नामांतरण पर लगी रोक
NAB ने स्थानीय प्रशासन से भी नवाज शरीफ, उनके पुत्रों हसन व हुसैन, बेटी मरियम और दामाद सफदर और वित्तमंत्री डार से संबंधित संपत्तियों का नामांतरण आदि नहीं करने के निर्देश दिए हैं। NAB ने एेसा नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों को तीन साल तक की सजा देने की भी बात कही है। NAB ने अपनी इस्लामाबाद और रावलपिंडी अदालतों में हाल ही में नवाज शरीफ, उनके बच्चों और सफदर के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लांडरिंग के तीन मामले दर्ज किए हैं। जबकि डार के विरुद्ध एक मामला चलाया जा रहा है। NAB ने कई बार नवाज और उनके परिजनों को पूछताछ के लिए अदालत में पेश होने के समन जारी किए। नवाज के वकीलों ने भी सलाह दी थी कि वह पूछताछ के लिए अदालत के सामने पेश हों। लेकिन, शरीफ परिवार का कोई सदस्य पूछताछ के लिए NAB के सामने नहीं गया। पाक पीएम अब्बासी ने भी पिछले सप्ताह कहा था कि अगर वह पेश नहीं हुए तो उन्हें गिरफ्तार करने के सिवाए कोई चारा नहीं बचेगा।


क्या है पनामा पेपर्स लीक?

  • - पिछले साल ब्रिटेन से लीक हुए टैक्स डॉक्युमेंट्स बताते हैं कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया।
  • - इनमें नवाज शरीफ का भी नाम शामिल है। इन सेलिब्रिटीज ने शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन बनाए और इनके जरिए टैक्स बचाया।
  • - लीक हुए डॉक्युमेंट्स खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट के बारे में बताते हैं।
  • - सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता। पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं।

क्या हैं नवाज परिवार पर आरोप ?

  • - नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने टैक्स हैवन माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कम से कम चार कंपनियां शुरू कीं। इन कंपनियों से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी।
  • - शरीफ परिवार ने इन संपत्तियों को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसके अलावा, दूसरे दो अपार्टमेंट खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने उनकी मदद की। 
  • - नवाज और उनके परिवार पर आरोप है कि इस पूरे कारोबार और खरीद-फरोख्त में अघोषित आय का इस्तेमाल किया गया है। 
  • - शरीफ की विदेश में इन संपत्तियों की बात उस समय सामने आई, जब लीक हुए पनामा पेपर्स में दिखाया गया कि उनका प्रबंधन शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं।

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