मालदीव : राष्ट्रपति सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए मोदी, सुधरेंगे रिश्ते

मालदीव : राष्ट्रपति सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए मोदी, सुधरेंगे रिश्ते

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-17 15:36 GMT
मालदीव : राष्ट्रपति सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए मोदी, सुधरेंगे रिश्ते
हाईलाइट
  • मालदीव में पिछले पांच साल चीन का प्रभाव काफी ज्यादा रहा है। इसका असर भारत-मालदीव के रिश्तों पर भी पड़ रहा था।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
  • शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद शाम को मोदी वापस दिल्ली लौट गए।

डिजिटल डेस्क, माले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के प्रयास के रूप में इसे देखा जा रहा है जो अब्दुल्ला यामीन सरकार के दौरान थोड़ कमजोर हो गए थे। मालदीव में पिछले पांच साल चीन का प्रभाव काफी ज्यादा रहा है। इसका असर भारत-मालदीव के रिश्तों पर भी पड़ रहा था। चीन ने मालदीव की मदद से हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी थीं। ऐसे में अब नई सरकार के आने से चीन का प्रभाव कम हो सकता है। बता दें कि प्रधानमंत्री के तौर मोदी की यह पहली मालदीव यात्रा है। इससे पहले 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिंद महासागर के इस द्वीपीय देश की यात्रा की थी। शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद शाम को मोदी वापस दिल्ली लौट गए।

राष्ट्रपति सोलिह की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक भारत समर्थित मानी जाती है। पीएम मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को बधाई दी। पीएम ने ट्वीट किया "मालदीव के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के लिए इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को बधाई। मैं उनके बेहतरीन कार्यकाल के लिए बधाई देता हूं। मैं दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए सोलिह के साथ काम करने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।"

इससे पहले, मालदीव पहुंचने पर, प्रधानमंत्री मोदी को रेड कार्पेट स्वागत दिया गया। उन्हें मालदीव संसद अध्यक्ष अब्दुल्ला मसेह मोहम्मद ने रिसीव किया। कुछ ही देर में पूर्व राष्ट्रपति और भारत के मित्र समझे जाने वाले मोहम्मद नाशीद समेत कई नेताओं से गले मिलने की तस्वीरें भी आईं। समारोह के दौरान, मोदी मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और मौमून अब्दुल गयूम के बगल में बैठे थे। पीएम ने नाशीद को गले लगाया और कई बार पीठ थपथपाई। मोदी ने मालदीव और दुनिया के अन्य हिस्सों से आए नेताओं से भी बातचीत की। खास बात यह है कि इस अवसर पर मौजूद रहने वाले पीएम मोदी मालदीव के लिए सर्वोच्च रैंकिंग वाले गेस्ट रहे। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा ने भी समारोह में भाग लिया।

आपको बता दें कि दक्षिण एशियाई देशों में मालदीव एकमात्र ऐसा देश है, जहां की यात्रा पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2014 के बाद नहीं की थी। पीएम मोदी 2015 में यहां की यात्रा करने वाले थे, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशिद की गिरफ्तारी और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते वहा पर राजनीतिक संकट गहरा गया था। ऐसे में पीएम को उनकी यात्रा रद्द करनी पड़ी थी। मालदीव से पिछले कुछ सालों में रिश्तों में काफी खटास आ गई थी। चीन का दखल बढ़ने के साथ ही भारत की भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। भारतीयों से भेदभाव, उन्हें वीजा और रोजगार न देने के मामलों ने दोनों देशों के रिश्ते में दरार पैदा कर दी थी। 

चीन के कर्ज से मुक्ति पाने के लिए मालदीव की नई सरकार भारत, अमेरिका और सऊदी अरब से वित्तीय मदद के लिए संपर्क कर चुकी है ताकि इस कर्ज से निपटा जा सके। मालदीव पर चीन का कर्ज लगभग 1.5 अरब डॉलर है। भारत के लिए सबसे अहम बात यह है कि नई सरकार बनने के बाद मालदीव में चीन का दखल कम हो जाएगा और भारत को एक बार फिर वहां पांव जमाने में मदद मिलेगी। मालदीव की ताजा स्थिति भारत के लिए न सिर्फ व्यापारिक दृष्टिकोण से बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। चीन भी यहां सैन्य बेस बनाने की फिराक में था।

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