अमेरिका के लिए खतरा बना रूस, तैयार हो रहा 'प्रलय का हथियार'

अमेरिका के लिए खतरा बना रूस, तैयार हो रहा 'प्रलय का हथियार'

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-04 02:48 GMT
अमेरिका के लिए खतरा बना रूस, तैयार हो रहा 'प्रलय का हथियार'

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिका जहां अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को आधुनिक बना रहा है। वहीं रूस भी पीछे नहीं है।  एक तरफ अमेरिका रणनीतिक लिहाज से अहम छोटे परमाणु बम तैयार कर रहा है तो वहीं पेंटागन की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि रूस समुद्र के अंदर से मार करने वाली परमाणु मिसाइल विकसित कर रहा है। कुछ विशेषज्ञों ने इसकी मिसाइल की ब्रॉन्डिंग "प्रलय का हथियार" के नाम से की है। बताया जा रहा है कि इस मिसाइल के दागे जाने से बड़े पैमाने पर रेडियोधर्मी प्रदूषण फैलता है।

 


 

 

‘स्टेटस- 6 सिस्टम’ है नाम

 

अमेरिका के न्यूक्लियर पॉस्चर रिव्यू (एनपीआर) में अपने छोटे छोटे परमाणु बम तैयार किए जाने का जिक्र किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार 21वीं सदी में बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर नई रणनीति बनाई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रूस एक नई अंतरमहाद्वीपीय, परमाणु हथियारबंद, परमाणु संचालित और पानी के नीचे से मार करने वाली मिसाइल विकसित कर रहा। इसे अंग्रेजी में ‘स्टेटस- 6 सिस्टम’ के रूप में जाना जाता है। 

 

अमेरिका के लिए खतरा है मिसाइल

 

दूसरे देशों में हथियारों को लेकर हो रहे काम पर नजर रखने वाले अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रुसी कार्यक्रम में एक ड्रोन जैसी डिवाइस शामिल की गई है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, यह समुद्र के भीतर पानी में हजारों मील सफर करने में सक्षम है। इतना ही नहीं यह मिसाइल अमेरिका पर प्रहार करने की भी क्षमता रखती है। इसकी रेंज में समुद्री तट समेत सेना के ठिकाने और शहर आते हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी परमाणु समीक्षा में संयुक्त राज्य और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को समकालीन भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए मुख्य खतरा माना है।

 


रूस में परमाणु हथियारों का भंडार

 

जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा खुफिया एजेंसी वर्तमान में अनुमान लगाती है कि रूस में 2000 ‘गैर-रणनीतिक’ परमाणु हथियारों का भंडार भरा हुआ है। जिसमें शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल, गुरुत्वाकर्षण बम और पनडूब्बी को उड़ा देने वाली बारूद शामिल हैं।  उप रक्षा सचिव पैट्रिक शानहन के अनुसार पेंटागन ने कहा है कि अमरीका को परमाणु प्रतिरोध के लिए एक योजना विकसित करने की आवश्यकता को संतुलित करना होगा जबकि एक ही समय में उसे परमाणु हथियारों के अप्रसार और हथियार नियंत्रण के प्रति प्रतिबद्धता भी बनाए रखनी होगी। 

 

अन्य देश बढ़ा रहे परमाणु ताकत


अमेरिका के उप विदेश मंत्री टॉम (राजनीतिक मामले) शेनॉन ने कहा,"अमेरिका उन सभी राजनीतिक और गैर राजनीतिक समूहों की जवाबदेही तय करेगा जो आतंकियों को परमाणु हथियार हासिल करने में मदद कर सकते हैं।"  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रक्षा विभाग के प्रयासों के समर्थन में एक बयान जारी कर कहा था कि हाल के वर्षों में अन्य देशों में परमाणु कार्यक्रमों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि पिछले दशक में अमेरिका ने परमाणु हथियारों की भूमिकाओं और संख्या को कम करने के कई प्रयास किए हैं। इसके बावजूद अन्य परमाणु देशों ने अपने यहां इनका इजाफा किया है।  

 

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