यूएन के प्रतिबंधों की अनदेखी कर इस तरह नॉर्थ कोरिया की मदद कर रहा है रूस!

यूएन के प्रतिबंधों की अनदेखी कर इस तरह नॉर्थ कोरिया की मदद कर रहा है रूस!

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-30 17:37 GMT
यूएन के प्रतिबंधों की अनदेखी कर इस तरह नॉर्थ कोरिया की मदद कर रहा है रूस!

डिजिटल डेस्क, मॉस्को। अपने मिसाइल और परमाणु परीक्षणों के चलते विश्व में अलग-थलग पड़े नॉर्थ कोरिया को अपने सहयोगी देश चीन और रूस से लगातार मदद मिल  रही है। ये दोनों देश नॉर्थ कोरिया को तेल की सप्लाई कर रहे हैं। दो दिन पहले ही चीन द्वारा नॉर्थ कोरिया को तेल सप्लाई करने की खबर का खुलासा हुआ था। यह मामला अभी चल ही रहा था कि एक मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि रूस भी नॉर्थ कोरिया की मदद कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस समुद्र के रास्ते नॉर्थ कोरिया को तेल की सप्लाई कर रहा है। सूत्रों के अनुसार रूस की यह मदद यूएन द्वारा नॉर्थ कोरिया पर लगे प्रतिबंधों के बाद से ही जारी है। रिपोर्ट में पश्चिमी यूरोपीय सुरक्षा सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रूस के टैंकरों ने हाल के महीनों में कम से कम तीन बार नॉर्थ कोरिया को तेल की सप्लाइ की है। बताया गया है कि तेल की यह अवैध आपूर्ति अक्टूबर और नवंबर महीनों में होती देखी गई।

गौरतलब है कि रूस नॉर्थ कोरिया का सबसे पुराना मित्र राष्ट्र है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद रूस के संरक्षण में ही नॉर्थ कोरिया का गठन हुआ था। नॉर्थ कोरिया को हमेशा से रूस की ओर से मदद मिलती रही है। पिछले 5 दशकों के दौरान अमेरिका के निशाने पर रहे नॉर्थ कोरिया को हर बार रूस का साथ मिला है। कहा जाता है कि रूस के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को भी रूस का समर्थन हासिल है। हालांकि इस बार लगातार मिसाइल और परमाणु परीक्षणों के चलते रूस ने भी यूएन में नॉर्थ कोरिया की निंदा की थी। रूस ने यूएन सुरक्षा परिषद में नॉर्थ कोरिया को पेट्रोलियम पदार्थो की आपूर्ति सीमित करने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया था। बावजूद इसके वह अवैध रूप से नॉर्थ कोरिया की मदद कर रहा है।

चीन के साथ भी कुछ ऐसा ही मामला है। चीन भी हमेशा से नॉर्थ कोरिया का एक भरोसेमंद साथी रहा है लेकिन यूएन में उसने भी नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंधों के प्रस्ताव का समर्थन किया था। हालांकि दो दिन पहले ही खुलासा हुआ कि वह भी नॉर्थ कोरिया को तेल सप्लाई कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन की इस हरकत को गलत करार दिया था। बता दें कि चीन और रूस द्वारा नॉर्थ कोरिया को की जा रही यह मदद संयुक्त राष्ट्र की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों के उल्लंघन की श्रेणी में आती है।

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