सऊदी क्राउन प्रिंस ने PBS को बताया, उनकी नगरानी में हुई खशोगी की हत्या

सऊदी क्राउन प्रिंस ने PBS को बताया, उनकी नगरानी में हुई खशोगी की हत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-26 10:40 GMT
सऊदी क्राउन प्रिंस ने PBS को बताया, उनकी नगरानी में हुई खशोगी की हत्या
हाईलाइट
  • PBS की एक डॉक्यूमेंट्री में सऊदी क्राउन प्रिंस ने हत्या की बात कबूली है
  • इस डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण 1 अक्टूबर को किया जाएगा
  • जमाल खशोगी की हत्या की जिम्मेदारी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने ली है

डिजिटल डेस्क, रियाद। वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की जिम्मेदारी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ली है। पब्लिक ब्रोडकास्टिंग सर्विसेज की एक डॉक्यूमेंट्री में सऊदी क्राउन प्रिंस ने कबूला है कि उनकी निगरानी में इस हत्या की वारादात को अंजाम दिया गया था। बता दें कि कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) की एक्सपर्ट एगनेस क्लामर्ड की रिपोर्ट में ठोस सबूतों के आधार पर दावा किया गया था कि इस हत्या में सऊदी प्रिंस शामिल है।

डॉक्यूमेंट्री "द प्रिंस ऑफ सऊदी अरेबिया" के प्रिव्यू के अनुसार मोहम्मद बिन सलामान ने पब्लिक ब्रोडकास्टिंग सर्विसेज के मार्टिन स्मिथ से कहा कि इस हत्या की जिम्मेदारी मैं लेता हूं क्योंकि हत्या की इस वारदात को मेरी निगरानी में अंजाम दिया गया था।  इस डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण अगले हफ्ते खशोजी की हत्या के एक साल पूरे होने से ठीक पहले 1 अक्टूबर को किया जाएगा।

स्मिथ ने जब उनसे पूछा कि खशोगी की हत्या को कैसे अंजाम दिया गया? इस पर प्रिंस मोहम्मद ने कहा, "हमारे पास दो करोड़ लोग हैं। हमारे पास 30 लाख सरकारी कर्मचारी हैं।" स्मिथ ने जब उनसे पूछा कि क्या हत्यारों ने निजी सरकारी जेट लिया था? इस पर प्रिंस ने जवाब दिया, "मेरे पास अधिकारी, मंत्री हैं जो इन सब चीजों को फॉलो करते हैं और वे जिम्मेदार हैं। उनके पास ऐसा करने का अधिकार है।"

जमाल खशोगी की हत्या पिछले साल इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में कर दी गई थी। सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) और कुछ पश्चिमी देशों की सरकार ने कहा था कि खशोगी की हत्या में सऊदी प्रिंस का हाथ बताया था। हालांकि सऊदी के अधिकारियों ने सीधे तौर पर इन आरोपों को झूठा बताया था। मोहम्मद बिन सलमान ने भी सार्वजनिक तौर पर इस पर कोई बयान नहीं दिया था। 

प्रारंभिक इनकार के बाद, सऊदी अधिकारियों ने इस हत्या का दोष कुछ लोगों पर मढ़ा। सरकारी वकील ने कहा कि तब के उप-खुफिया प्रमुख ने खशोगी को वापस देश लाने का आदेश दिया था। लेकिन जब खशोगी की वापसी का प्रयास विफल रहा तो लीड नेगोशिएटर ने उनकी हत्या करने के आदेश दे दिए। सरकारी  वकील ने कहा कि रॉयटर्स के अनुसार एक फॉर्मर टॉप रॉयल एडवाइजर ने हत्यारों को स्काइप पर आदेश दिए थे। ऑपरेशन से पहले हिट टीम को उन्होंने खशोगी की गतिविधियों की जानकारी दी।

रायटर्स को जून में अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि ट्रंप प्रशासन ने हत्या के पीछे के कारणों की पड़ताल करने के लिए सऊदी अरब पर दबाव बनाया। इस हत्या के लिए 11 सऊदी नागरिकों पर गुप्त तरीके से कार्रवाई की जा रही है और इस पर केवल कुछ ही सुनवाई पूरी हुई है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रिंस मोहम्मद और अन्य सऊदी अधिकारियों के खिलाफ जांच करने की सिफारिश की गई थी।

बता दें कि अमेरिका के वॉशिंगटन पोस्ट में कॉलमिस्ट जमाल खशोगी क्राउन प्रिंस के आलोचक थे। आखिरी बार वह 2 अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास के अंदर जाते हुए देखे गए थे। वह शादी के लिए जरूरी दस्तावेज लेने के लिए दूतावास में गए थे। बाद में खुलासा हुआ कि उनकी दूतावास में ही हत्या कर दी गई। सउदी ने भी इस बात को कबूल कर लिया था कि दूतावास में ही खशोगी की हत्या हुई है। हालांकि किंग मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि उन्हें खशोगी की हत्या के बारे में जानकारी नहीं थी।

 

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