श्रीलंका: मुस्लिम डॉक्टर ने गुपचुप कर दी 4 हजार बौद्ध महिलाओं की नसबंदी, बढ़ा तनाव

श्रीलंका: मुस्लिम डॉक्टर ने गुपचुप कर दी 4 हजार बौद्ध महिलाओं की नसबंदी, बढ़ा तनाव

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-08 12:39 GMT
श्रीलंका: मुस्लिम डॉक्टर ने गुपचुप कर दी 4 हजार बौद्ध महिलाओं की नसबंदी, बढ़ा तनाव
हाईलाइट
  • आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात का सदस्य है डॉक्टर
  • पुलिस ने डॉक्टर को किया गिरफ्तार
  • महिलाओं को बिना बताए किया ऑपरेशन

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका में एक मुस्लिम डॉक्टर पर 4 हजार बौद्ध महिलाओं की गुप्त रूप से नसबंदी करने का आरोप लगा है। इस मामले के सामने आते ही देश में फिर तनाव बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर ने बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं की उन्हें बताए बिना ही नसबंदी कर दी। श्रीलंकन अखबार दिवाइना ने अपने पहले पन्ने पर 23 मई को यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।

मीडिया रिपोर्ट में नसबंदी करने वाले डॉक्टर की पहचान उजागर नहीं की गई है, हालांकि बताया जा रहा है कि वह श्रीलंका में प्रतिबंधित आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात का मेंबर भी है। इस संगठन पर ही ईस्टर के अवसर पर होटलों और चर्चों में धमाके करने का आरोप है। रिपोर्ट में बताया गया है कि न्यूज अस्पाल और पुलिस से मिली जानकारी के आधार पर ही प्रकाशित की गई है।   

मुस्लिम डॉक्टर के बौद्ध महिलाओं की गुप्त रूप से नसबंदी पर श्रीलंका के लोग भड़क सकते हैं। इससे पहले भी श्रीलंका के बहुसंख्यक बौद्ध धर्म के अनुयायी मुस्लिमों पर तेजी से आबादी बढ़ाने का आरोप लगाते आए हैं। ऐसे बौद्ध महिलाओं की नसबंदी की जानकारी सामने आने से हिंसा फैल सकती है।

मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने एक मुस्लिम डॉक्टर सेगु शिहाबदीन मोहम्मद शफी को गिरफ्तार किया है, हालांकि पुलिस का कहना है कि पैसों का संदिग्ध लेन-देन करने और प्रॉपर्टी खरीदने का आरोप है, हालांकि पुलिस नसबंदी के दावे की भी जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि ऐसी महिलाओं को सामने आकर आवाज उठाना चाहिए, जो डॉक्टर का शिकार बनी हैं।  

महिला ने दर्ज कराया बयान
मामला सामने आने के बाद बौद्ध समुदाय के प्रदीप कुमार अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचे और बयान दर्ज कराया। प्रदीप की पत्नी ने बयान में कहा कि 11 साल पहले उन्होंने डॉक्टर से डिलिवरी करवाई थी, इसके बाद पिछले 6 साल से वो बच्चे के लिए कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है, इसलिए खबर सुनने के बाद उन्होंने बयान दर्ज कराने का फैसला लिया है। प्रदीप का कहना है कि आरोप सही साबित होता है, इससे साफ हो जाएगा की देश की सिंहला आबादी को खत्म करने की बड़ी साजिश रची जा रही थी।

 

 

 

 

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