तीसरी बार खारिज हुई नीरव मोदी की जमानत याचिका, 24 मई तक रहना होगा कस्टडी में

तीसरी बार खारिज हुई नीरव मोदी की जमानत याचिका, 24 मई तक रहना होगा कस्टडी में

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-26 12:04 GMT
हाईलाइट
  • नीरव को अब कम से कम 24 मई तक कस्टडी में ही रहना होगा।
  • नीरव मोदी को 19 मार्च को हिरासत में लिया गया था।
  • ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भगोड़े हिरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका तीसरी बार खारिज कर दी है।

डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका तीसरी बार खारिज कर दी है। नीरव को अब कम से कम 28 दिन और कस्टडी में ही रहना होगा। बता दें कि 48 वर्षीय व्यवसायी यूनाइटेड किंगडम में 13700 करोड़ रुपए से ज्यादा के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है। नीरव मोदी को 19 मार्च को हिरासत में लिया गया था।

काली स्वेटर पहने नीरव मोदी की वांड्सवर्थ जेल से वीडियो-लिंक के माध्यम से सुनवाई हुई। इस दौरान नीरव मोदी ने अपने नाम की पुष्टी करने के अलावा कुछ भी नहीं कहा। संक्षिप्त सुनवाई के अंत में, वेस्टमिंस्टर कोर्ट की चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बथनॉट ने कहा, "मोदी आपकी 24 मई को वीडियो-लिंक के माध्यम से एक और छोटी सुनवाई होगी, जबकि पूरी सुनवाई 30 मई को होगी जिसमें आपको व्यक्तिगत रूप से पेश किया जाएगा।

इससे पहले 29 मार्च को नीरव मोदी की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया गया था। क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के टोबी कैडमैन ने कोर्ट में कहा था कि नीरव मोदी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि नीरव ने एक गवाह को फोन करके जान से मारने की धमकी दी है। इतना ही नहीं वह भारतीय एजेंसियों के साथ भी सहयोग नहीं कर रहा है। कैडमैन ने कहा था हो सकता है कि नीरव जमानत मिलने के बाद देश छोड़कर चला जाए। नीरव गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों को नष्ट करने का भी प्रयास कर सकता है।

नीरव मोदी के एडवोकेट क्लेयर मोंटगोमरी ने कहा था उनके क्लाइंट जनवरी 2018 से ब्रिटेन में है। उन्हें अगस्त 2018 से पता है कि उनके प्रत्यर्पण की कोशिशें की जा रही है और उनके लिए दुनिया में कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है। क्लेयर ने कहा था कि वह ब्रिटेन में खुलेआम रहते हैं और कभी भी उन्होंने छिपने का कभी प्रयास नहीं किया।

उन्होंने कहा, बचाव पक्ष का सुझाव है कि नीरव मोदी को ज़मानत देकर घर में नज़रबंद कर दिया जाए और उनकी इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग भी की जा सकती है जो कि पहले से ज़्यादा सख़्त है और इस दौरान वो स्थानीय पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट कर सकते हैं। आप उन्हें ख़ास तरह का फ़ोन दे सकते हैं ताकि अधिकारी हमेशा उनसे संपर्क में रहे।

बचाव और अभियोजन दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मोदी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए, मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने कहा था "नीरव मोदी ने दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक दूरस्थ द्वीप देश वानूअतू की नागरिकता हासिल करने की कोशिश की थी। इससे पता चलता है कि नीरव एक महत्वपूर्ण समय में भारत से दूर जाने की कोशिश कर रहे थे।" कोर्ट को ये बताया गया था कि नीरव मोदी ने 200,000 अमेरिकी डॉलर के निवेश के आधार पर वानुआतु की नागरिकता हासिल करने की कोशिश की थी। हालांकि नीरव मोदी के खिलाफ भारत में चल रही आपराधिक जांच के चलते उनके नागरिकता के अनुरोध को खारिज कर दिया गया।

बता दें कि लंदन की सड़कों पर घूमते हुए देखे जाने के बाद नीरव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। नीरव ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया था। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने लंदन की सड़को पर नीरव को देखे जाने के बाद कहा था कि "हम नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर कार्यवाही कर रहे हैं। लंदन में वह देखा गया, इसका यह मतलब नहीं है कि हम उसको तुरंत भारत ले आएंगे। इसके लिए एक प्रक्रिया होती है, जो हम कर रहे हैं।"

गौरतलब है कि ED और CBI मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस ब्रांच में हुए 13,700 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की जांच कर रही है। इस घोटाले को अंजाम देने का आरोप हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी पर है। दोनों ही घोटाले को अंजाम देने के बाद देश से फरार हो गए थे। 

Tags:    

Similar News