जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत का अहम रोल: UN

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत का अहम रोल: UN

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-14 03:39 GMT
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत का अहम रोल: UN

डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत की भूमिका को लेकर सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि "इस लड़ाई में जहां बाकी दूसरे देश नाकाम रहे हैं, वहीं भारत इसमें प्रमुख भूमिका निभाने का काम कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि "जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में भारत और चीन की नेतृत्वकारी भूमिका रही है। इसके अलावा गुटेरेस ने कहा, "जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र की ठोस प्रतिबद्धता है।"

 

  


 

 

समुद्र जल स्तर में हुई बढ़ोत्तरी


संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि अफ्रीकी देश मौसम के पैटर्न में वैश्विक रूप से हो रहे परिवर्तन के सबसे बड़े पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, "यह साफ है कि जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावित देशों में जी-77 के सदस्य देश हैं। जी-77 समूह की मूल स्थापना 77 देशों ने मिलकर की थी। इसके बाद में बहुत से अन्य देश भी इसके सदस्य बनते गए और वर्तमान में इसकी कुल सदस्य संख्या 130 हो गई है। अभी सूडान इस संगठन का नेतृत्व कर रहा है। बता दें कि मुख्य रूप से अफ्रीकी देश सूखे से प्रभावित हुए हैं। जहां छोटे द्वीपीय देश चक्रवाती तूफानों से प्रभावित हुए हैं, समुद्री जलस्तर में भी बढ़ोतरी देखी गई है।" 

 

 

 


 

मौसम के पैटर्न पर पड़ सकता है असर


महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले साल मई में दुनियाभर के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा था कि जलवायु परिवर्तन की वजह से फूड प्रॉडक्शन, वॉटर सिक्यॉरिटी और मौसम के पैटर्न पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन हमें पराजित नहीं कर सकता, लेकिन हम इस लड़ाई में जीत भी नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जी 77 देश की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और चीन नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है। जी 77 संयुक्त राष्ट्र में विकासशील देशों का सबसे बड़ा अंतर सरकारी संगठन है। 

 

 

सुरक्षा परिषद में सुधार जरूरी

 

एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि भारत और चीन जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, ताकि हमें जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभाव न झेलने पड़ें। गुटेरेस एक समारोह में बोल रहे थे, जहां मिस्र ने इक्वोडोर से जी77 का नेतृत्व ग्रहण किया। गुटेरेस ने कहा कि जी 77 बहुपक्षवाद की रक्षा का आधारभूत स्तंभ है और बहुपक्षवाद के लिए यह मुश्किल दौर चल रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सत्ता का संतुलन सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा परिषद में सुधार जरूरी है।

 

 


 

एकजुट होकर काम करने की जरूरत


उन्होंने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र को अधिक लोकतांत्रिक बनाने को लेकर परेशान हैं, जिसमें सत्ता अधिक संतुलित तरीके से विभाजित हो और इसके लिए निश्चित तौर पर सुरक्षा परिषद में सुधार आवश्यक है।" बता दें कि जी77 की अध्यक्षता ग्रहण करते हुए मिस्र के स्थायी प्रतिनिधि अम्र अब्देल्लतीफ अबौलत्ता ने कहा कि संगठन जलवायु परिवर्तन से इस प्रकार निपटने में एकजुट होकर काम करेगा, जिससे विकास को भी बढ़ावा मिले।

 


उन्होंने कहा कि गरीबी दुनिया की अधिकांश समस्याओं का प्रमुख कारण है। इसके लिए विकासशील देशों में रोजगार और उत्पादन क्षमता बढ़ाना जरूरी है। महासभा के अध्यक्ष मिरोस्लाव लाजैक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को पेश आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए जी77 की भागीदारी बेहद जरूरी है।

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