अमेरिकी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित, निर्यात पर रोक UN ने नाॅर्थ कोरिया पर लगाए कड़े प्रतिबंध

अमेरिकी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित, निर्यात पर रोक UN ने नाॅर्थ कोरिया पर लगाए कड़े प्रतिबंध

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-06 03:22 GMT
अमेरिकी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित, निर्यात पर रोक UN ने नाॅर्थ कोरिया पर लगाए कड़े प्रतिबंध

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूनाइटेड नेशन्स (UN) ने उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध और कड़े करने के संबंध में अमेरिका के जरिए तैयार प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इसमें निर्यात पर भी रोक शामिल है, जिसका लक्ष्य प्योंगयांग को एक अरब डॉलर के वार्षिक राजस्व से वंचित करना है। प्रस्ताव के तहत उत्तर कोरिया के जो जहाज UN के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे, उन्हें सभी देशों के बंदरगाहों में प्रवेश करने से वर्जित कर दिया जाएगा।

मिसाइल परीक्षणों के बाद लगाया प्रतिबंध

गौरतलब है कि नॉर्थ कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षणों के बाद कोरियाई प्रांत में गहराते गतिरोध को देखते हुए UN ने शनिवार को कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से नॉर्थ कोरिया के खिलाफ उठाया गया ये पहला इस तरह का कदम है और इसने अपने सहयोगी को दंडित करने की चीन की इच्छा को रेखांकित किया है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक प्रस्ताव में नकदी पर निर्भर देश से मछलियों और सीफूड के साथ-साथ कोयला, लौह, लौह अयस्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया है। अगर सभी देश इस प्रतिबंध को लागू कर देते हैं तो इससे नॉर्थ कोरिया को हर साल निर्यात से होने वाली तीन अरब डॉलर की कमाई में एक तिहाई आय कम होगी। 

दबाव बनाना है मकसद

अमेरिका कई महीनों की बातचीत के बाद उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु परीक्षणों को रोकने के लिए उस पर दबाव बनाने के मकसद से चीन के साथ एक समझौते पर पहुंचा है। चीन, उत्तर कोरिया का मुख्य व्यापारिक साझेदार और सहयोगी है। इन प्रतिबंधों का मसौदा चार जुलाई को नॉर्थ कोरिया के किये गए अंतर महाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद तैयार किया गया था। अपने यूरोपीय सहयोगियों जापान और दक्षिण कोरिया के समर्थन से अमेरिका संयुक्त राष्ट्र पर इस बात को लेकर जोर दे रहा है कि उत्तर कोरिया पर 4 जुलाई को उसके अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण के जवाब में और कड़े प्रतिबंध लगाए जाए। इस प्रस्ताव के पारित होने पर उत्तर कोरिया विदेशों में अपने कामगारों की संख्या नहीं बढ़ा पाएगा जिससे नए उद्योग स्थापित करने और मौजूदा संयुक्त कंपनियों में नया निवेश करने पर प्रतिबंध लग जाएगा।

प्रस्ताव में कहा गया है कि उत्तर कोरिया अपने दुर्लभ संसाधनों का परमाणु हथियारों का विकास करने और महंगी बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में इस्तेमाल करने का जिम्मेदार है।ये नए प्रतिबंध UN के जरिए उत्तर कोरिया पर साल 2006 में पहली बार परमाणु परीक्षण करने के बाद से लेकर अब तक के सातवीं बार लगाए जाने वाले प्रतिबंध हैं।हालांकि पहले लगाए गए प्रतिबंधों से उत्तर कोरिया के हरकतों में कोई बदलाव नहीं आया।

 

Similar News