ट्रंप ने दी येरुशलम को मान्यता, लेकिन फैसले पर दुनियाभर से चेतावनी

ट्रंप ने दी येरुशलम को मान्यता, लेकिन फैसले पर दुनियाभर से चेतावनी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-07 03:07 GMT
ट्रंप ने दी येरुशलम को मान्यता, लेकिन फैसले पर दुनियाभर से चेतावनी

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दे दी है। ट्रंप ने दुनियाभर से मिल रही चेतावनियों के बावजूद ये फैसला लिया है। उन्होंने अपने इलेक्शन कैंपेन में इसका वादा किया था। इसके साथ ही प्रेसिडेंट ट्रंप ने अमेरिकी एंबेसी को जल्द से जल्द तेल अवीव से येरूशलम शिफ्ट करने के निर्देश भी दिए हैं। ट्रंप के इस फैसले की दुनियाभर में निंदा भी शुरू हो गई है और इसे "हिंसा भड़काने" वाला कदम बताया है।

ट्रंप ने अपने भाषण में क्या कहा? 

बुधवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने येरूशलम को इजरायल की राजधानी बनाया है। येरूशलम वो इलाका है, जिसपर इजरायल और फिलीस्तीन दोनों ही देश अपना दावा करते हैं। बुधवार को व्हाइट हाउस में दिए अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि "अब समय आ गया है कि येरूशलम को इजरायल की राजधानी बनाया जाए।" उन्होंने कहा कि "फिलीस्तीन से विवाद के बावजूद येरूशलम पर इजरायल का अधिकार है।" ट्रंप ने अपने इस कदम को शांति स्थापित करने वाला कदम बताते हुए कहा है कि "येरूशलम को इजरायल की राजधानी की मान्यता देने में देरी की पॉलिसी शांति स्थापित नहीं कर पाई और इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ।" ट्रंप ने ये भी कहा कि हम एक ऐसा समझौता चाहते हैं जो इजरायल और फिलीस्तीन दोनों के लिए बेहतर हो।

 

 



इजरायल ने क्या कहा? 

अमेरिकी प्रेसिडेंट के इस फैसले पर इजरायल ने खुशी जाहिर की है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा है कि "येरूशलम 70 साल से इजरायल की राजधानी रही है। ये हमारी उम्मीदों, सपनों और प्रार्थनाओं का केंद्र रहा है। इसके साथ ही पिछले 3,000 सालों से ये यहूदियों की राजधानी रही है।" नेतन्याहू ने आगे कहा कि "येरूशलम वही जगह है, जहां हमारे पवित्र धर्म स्थल रहे हैं और हमारे राजाओं ने शासन किया है।" उन्होंने कहा कि "दुनिया के कोने-कोने से यहूदी उदास होकर येरूशलम लौटे, ताकि वो यहां के पवित्र पत्थर को छू सके।" वहीं फिलिस्तीनियों ने ट्रंप के इस फैसले की आलोचना की है।

कई देशों ने की ट्रंप ने की निंदा

वहीं येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने पर दुनियाभर में ट्रंप की निंदा भी होने लगी है। मुस्लिम देशों ने ट्रंप के इस फैसले को शांति के खिलाफ और हिंसा भड़काने वाला बताया है। तुर्की के फॉरेन मिनिस्टर ने इस फैसले को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए ट्वीट किया जिसमें लिखा है कि "ये फैसला इंटरनेशनल लॉ और यूनाइटेड नेशंस के इस बारे में पास किए गए प्रपोजल्स के खिलाफ है।" वहीं सऊदी अरब का भी कहना है कि इस फैसले से शांति को नुकसान पहुंचेगी और इलाके में तनाव बढ़ेगा। इसके अलावा इजिप्ट के प्रेसिडेंट अब्दुल फतह अल सीसी ने भी कहा है कि इस फैसले से शांति की उम्मीदें कमजोर होंगी। 

 


इजरायल ने येरूशलम को ही राजधानी माना

इजरायल का येरूशलम शहर मुस्लिमों, यहूदियों और ईसाईयों के लिए पवित्र माना जाता है। इजरायल हमेशा से येरूशलम को ही अपनी राजधानी मानता है, लेकिन फिलिस्तीन भी इस शहर को अपनी राजधानी बनाने की मांग करते रहे हैं। 1967 की लड़ाई में इजरायल ने इस शहर पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से ही वो इसे अपनी राजधानी मानता आ रहा है, लेकिन अभी तक इसे इजरायल की राजधानी के तौर पर अंतराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली थी। 

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