GST का विरोध, आज बंगाल नहीं कहेगा 'कुछ मीठा हो जाए'

GST का विरोध, आज बंगाल नहीं कहेगा 'कुछ मीठा हो जाए'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-21 05:32 GMT

डिजिटल डेस्क,कोलकाता। सोमवार को बंगाल में जीएसटी के विरोध में 1.5 लाख से ज्यादा मिठाईयों व कचौरी की दुकानें बंद रहेंगी। ऑल बंगाल मिष्ठान प्रतिष्ठान के पदाधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार छोटे कारोबार पर जीएसटी लगाकर व्यवसाय को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि रसगुल्ला व संदेश बंगाल के लोगों का पसंदीदा मिष्ठान है। इस पर टैक्स लगने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के करीब दो लाख मिठाई दुकान मालिकों ने चेतावनी दी थी कि अगर जीएसटी लागू होता है तो इससे ग्राहकों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। उनका तर्क है कि इस व्‍यावसायिक क्षेत्र के काफी बड़े और अव्यवस्थित होने के कारण उनके लिए इस बड़े टैक्स रिफॉर्म का हिस्सा बनना नामुमकिन है। अब तक पश्चिम बंगाल में मिठाइयों पर वैट नहीं लगता था, लेकिन जीएसटी के आने के बाद टैक्स लगना शुरू हो गया।
 
किस मिठाई पर कितना जीएसटी 

एक जुलाई के बाद से रसगुल्ले, संदेश, जल भरा, गुलाब जामुन, रबड़ी और कच्चा गोला पर 5 फीसदी टैक्स देना पड़ता है दुकानें जो चॉकलेट से बनी मिठाइयां बेच रही हैं, उन पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है।नमकीन, भुजिया, राधाबल्लवी (भरवा कचौरी), सादी कचौड़ी पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है। जिन मिठाइयों पर केसर या चांदी का वर्क होगा वो 18 से 20 फीसदी जीएसटी के दायरे में है।
 

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