रद्द हुई 500 मिलियन डॉलर की डील, अब DRDO बनाएगा मिसाइल

रद्द हुई 500 मिलियन डॉलर की डील, अब DRDO बनाएगा मिसाइल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-20 05:16 GMT
रद्द हुई 500 मिलियन डॉलर की डील, अब DRDO बनाएगा मिसाइल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने इजरायल के साथ स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के लिए 500 मिलियन डॉलर की डील को रद्द कर दिया है। मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि "हम अब मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) स्वदेश में ही बनाना चाहता है।" ये कदम देश में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के मद्देनजर उठाया जा रहा है। अब भारत में ही अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण को बढावा दिया जाएगा। इस मिसाइल को बनाने की जिम्मेदारी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को दी गई है। डीआरडीओ को इस तकनीक की मिसाइल बनाने में तीन से चार साल लग जाएंगे। इस डील से DRDO के स्वदेशी हथियार बनाने की तैयारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसीलिए भी मंत्रालय ने इजरायल के साथ तीसरी पीढ़ी की स्पाइक मिसाइल बनाने की डील को रद्द कर दिया है।  

इससे पहले DRDO "नाग" और "अनामिका" जैसी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल बना चुका है। DRDO को यकीन है कि अगले तीन से चार सालों में बिना किसी विदेशी मदद के वो भी तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) बनाने में सक्षम हो जाएगा।

2016 में हुई थी डील

साल 2016 में इजरायल से राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम की डील होने के बाद स्पाइक मिसाइल की डील को भारत-इजरायल के संबंधों में और मजबूती के रूप में देखा जा रहा था। इस डील के बाद ही इजरायल के राफेल और कल्याणी ग्रुप के साथ भारत में ही मिसाइल बनाने पर सहमति बनी थी। इसके लिए हैदराबाद के नजीक एक आधुनिक प्लांट बनाया जा रहा था।

क्या है स्पाइक MPATGM मिसाइल 

स्पाइक एटीजीएम मिसाइलें थर्ड जनरेशन मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हैं। इसकी मारक क्षमता 2.5 किलोमीटर है। इसके अलावा सेना इसका इस्तेमाल दुश्मनों का खात्मा करने लिए दिन और रात दोनों समय कर सकती है। फिलहाल भारतीय सेना सेकंड जनरेशन वाली कोनकुर्स और मिलान 2 टी मिलाइल का इस्तेमाल कर रही है।  

डील रद्द होना सेना के लिए झटका

भले ही सरकार मेक इन इंडिया का हवाला दे रही हो, लेकिन इस डील के रद्द होने से भारतीय सेना के आधुनिकीकरण करने के प्रयासों को बड़ा झटका माना जा रहा है। सेना मुख्यालय ने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिख कर जोर दिया था कि ऐसे आधुनिक हथियार लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात जवानों की ताकत बढ़ाने में बेहद कारगर है।

 

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