गंगा बचाने एक और संत 111 दिन से अनशन पर, एम्स में भर्ती हैं गोपालदास

गंगा बचाने एक और संत 111 दिन से अनशन पर, एम्स में भर्ती हैं गोपालदास

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-14 06:58 GMT
गंगा बचाने एक और संत 111 दिन से अनशन पर, एम्स में भर्ती हैं गोपालदास
हाईलाइट
  • एम्स के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग में चल रहा है इलाज
  • गंगा की रक्षा के लिए अनशन पर बैठे हैं संत गोपालदास
  • प्रशासन ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया

डिजिटल डेस्क, देहरादून। गंगा को अविरल बनाने की कोशिश में जीवन त्यागने वाले प्रो. जीडी अग्रवाल के निधन के बाद एक और अनशनकारी को एम्स में भर्ती कराया गया है। पिछले 111 दिनों से उपवास पर बैठे संत गोपालदास को शनिवार को एम्स में भर्ती कराया गया है। 36 साल के संत गोपालदास पिछले 111 दिनों से गंगा की रक्षा के लिए अनशन पर हैं। तीन दिनों से उन्होंने पानी पीना तक छोड़ दिया है। ऋषिकेश एम्स के कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक ब्रिजेंद्र सिंह के मुताबिक उन्हें शनिवार सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर लाया गया था। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के दल की प्रमुख मीनाक्षी धर ने बताया कि संत गोपालदास के शरीर में पानी की बेहद कमी हो गई है। एंडोक्रिनोलॉजी विभाग में उनका इलाज चल रहा है। 

 
 
लगातार भूखे-प्यासे रहने के कारण गोपालदास के शरीर में शर्करा का स्तर घटकर 65 पर पहुंच गया है। संत गोपालदास ने इलाज कराने और कुछ भी खाने पीने से इनकार कर दिया है। उन्हें नसों के जरिये तरल भोजन दिया जा रहा है। प्रशासन ने उनकी जान बचाने डॉक्टरों को हर प्रयास करने की अनुमति दे दी है। बता दें कि ब्रदीनाथ में गंगा नदी की तलहटी में खनन के खिलाफ संत गोपालदास ने अपना उपवास शुरू किया है। वे ऋषिकेश के बाग घाट और त्रिवेणी में उपवास कर रहे थे। 

 

110 दिनों तक चली थी प्रो. जीडी अग्रवाल की लड़ाई
इससे पहले गुरुवार को गंगा के लिए 110 दिनों से अनशन कर रहे प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का निधन हो गया था। मंगलवार को उन्होंने पानी भी त्याग दिया था। उनकी तबीयत खराब होते देख बुधवार को प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया था। प्रो. अग्रवाल के अनशन के दौरान कई राजनेताओं ने उनसे मुलाकात की थी। इनमें हरिद्वार के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व केंद्रीय मंत्री उमा भारती शामिल थीं। नेताओं ने उनसे अनशन खत्म करने की अपील की थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी प्रो. अग्रवाल से फोन पर बात करते हुए अनशन खत्म करने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने अपनी मांगों पर काम न होने के चलते अनशन को जारी रखा।

 

बता दें कि प्रो. अग्रवाल अपने मातृसदन आश्रम में अनशन कर रहे थे। गंगा मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख चुके थे। साल 2012 में भी प्रो. अग्रवाल गंगा से जुड़े मुद्दों पर आमरण अनशन कर चुके थे। उस वक्त सरकार की ओर से मांगें माने जाने का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अनशन तोड़ दिया था। गौरतलब है कि जीडी अग्रवाल आईआईटी कानपुर में प्रो.फेसर रहे। वे भारतीय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी रह चुके थे। लंबे अरसे से वे पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर जागरुकता लाने के लिए सक्रिय थे।

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