तूतीकोरिन हिंसा: CM पलानीस्वामी ने किया पुलिस का बचाव, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

तूतीकोरिन हिंसा: CM पलानीस्वामी ने किया पुलिस का बचाव, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-24 13:45 GMT
तूतीकोरिन हिंसा: CM पलानीस्वामी ने किया पुलिस का बचाव, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तूतीकोरिन हिंसा को लेकर तमिलनाडु में तीसरे दिन भी तनाव बरक़रार है। गुरुवार को मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने पुलिस का बचाव किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सेल्फ डिफेंस में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की थी। मंगलवार को इस गोलीबारी में 13 प्रदर्शनकारी मारे गए थे। सभी लोग शहर में स्टरलाइट कॉपर के विस्तार को लेकर विरोध कर रहे थे। राज्य में बढ़ते तनाव को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने तूतीकोरिन में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। इसके अलावा तूतीकोरिन से सटे तिरुनेलवेलि और कन्याकुमारी जिले में भी इंटरनेट सुविधाएं बंद कर दी गई हैं। 

कांग्रेस का अन्य विपक्षी पार्टियों संग बंद का समर्थन
तूतीकोरिन में पुलिस फायरिंग में मारे गए प्रदर्शनकारियों के समर्थन में कांग्रेस ने DMK सहित अन्य विपक्षी पार्टियों संग मिलकर बंद का आह्वान किया है। शुक्रवार को कांग्रेस ने पूरे दिन वेदांता स्टरलाइट के करीब बंद का ऐलान किया है। पार्टी का कहना है कि पुलिस फायरिंग में जितने भी लोग मारे गए हैं और जो भी घायल हुए हैं उन्हें न्याय मिलना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका
इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। वकील जीएस मानी ने गुरुवार को याचिका दाखिल करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है, साथ ही तूतीकोरिन घटना को लेकर वहां के कलेक्टर, एसपी और अन्य पुलिसवालों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। 

 


CM ने किया पुलिस का बचाव
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने इस घटना में पुलिस का बचाव किया है। उन्होंने कहा, "निश्चित ही इस हिंसा के पीछे राजनीतिक दलों, एनजीओ और असमाजिक तत्वों का हाथ है," पलानीस्वामी ने कहा, "इन सभी ने मिलकर प्रदर्शनकारियों को भड़काया है।"  

 


जलियांवाला बाग हत्याकांड से तुलना
तूतीकोरिन हिंसा की तुलना गुलाम नबी आजाद ने जलियांवाला बाग हत्याकांड से की है। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार को यह मालूम था कि विरोध के 100 दिन हो गए हैं, यह और बड़ा हो सकता है, ऐसे में उसे कानून-व्यवस्था और चाक-चौबंद रखना चाहिए था, लेकिन पलानीस्वामी सरकार ऐसा करने में नाकाम रही। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए सरकार को फायरिंग करने का तरीका सबसे आसान लगा। यह जालियावाला बाग हत्याकांड की तरह एक नरसंहार है। "

गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी
हिंसा पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "तमिलनाडु के तूतीकोरिन में हुई हिंसा में गई जानों के लिए मुझे बहुत दुख है। एमएचए ने इस घटना को लेकर संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है।
 


DMK के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को सीएम ऑफिस परिसर से बलपूर्वक बाहर निकाला गया। 
वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ सीएम से मिलने पहुंचे थे, लेकिन मिलने की इजाजत नहीं मिली तो वह सीएम ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे। 
सीएम हाउस के बाहर प्रोटेस्ट करने के चलते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।

 


तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्टरलाइट कॉपर के स्मेल्टर की बिजली आपूर्ति डिस्कनेक्ट करने के लिए तूतीकोरिन के जिला कलेक्टर को निर्देशित किया है।

 


जांच के आदेश 
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि तूतीकोरिन में वेदांता समूह की इकाई स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में 13 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। 

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