IAS अफसर अशोक खेमका ने वाड्रा-DLF डील को क्लीन चिट देने वाले अफसर पर साधा निशाना

 IAS अफसर अशोक खेमका ने वाड्रा-DLF डील को क्लीन चिट देने वाले अफसर पर साधा निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-27 06:29 GMT
 IAS अफसर अशोक खेमका ने वाड्रा-DLF डील को क्लीन चिट देने वाले अफसर पर साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। ट्रांसफर और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के कारण चर्चा में रहने वाले हरियाणा कैडर के IAS अफसर अशोक खेमका फिर से चर्चा में हैं। इस बार वो सोनिया गांधी के दामाद को लेकर चर्चा में है। दरअसल अशोक खेमका ने रविवार रात एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा था,  "जो अफसर उस कमेटी का मेंबर था, जिसने 2012 में हुई वाड्रा-DLF लाइसेंसिंग डील को क्लीन चिट दी थी। उसे अब रियल स्टेट रेगुलेटर फील्ड में आकर्षक पोस्ट दी गई है। खेमका का ये ट्वीट कई सवालों को जन्म दे गया। खेमका के इस ट्वीट पर कोई राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। खेमका ने लिखा कि ऐसे लोगों पर सख्ती की बजाय हम इन्हें ढील दे रहे हैं। इनकी सफलता का और क्या राज हो सकता है? गौरतलब है कि इससे पहले भी अशोक खेमका कई बार सरकार को निशाने पर ले चुके हैं।

                        

आपको याद दिला दें कि, हाल ही में अशोक खेमका का एक बार फिर ट्रांसफर हुआ था, ये उनका 51वां तबादला था। खेमका को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता विभाग से हटाकर खेल और युवा मामले विभाग का प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया गया है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा

- गड़बड़ियों और अनियमितताओं को उजागर करने की वजह से हरियाणा सरकार के 3 मंत्रियों से उनका टकराव हो चुका है।

-हाल ही सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग के मामले में उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी को खूब खरी खोटी सुनाई थी। खेमका ने इसी विभाग के प्रधान सचिव के नाते उन 3.22 लाख लोगों की पेंशन बंद कर दी थी जिनके दस्तावेज मौजूद नहीं थे।  इनमें से एक लाख लोगों की पेंशन आज भी बंद है।

-इसके अलावा अशोक खेमका ने दिवाली के मौके पर सीधे- सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से भी उलझ गए थे। उन्होंने खट्टर के निजी स्टाफ को दिए जा रहे हजारों रुपए के नगद तोहफे का विरोध करते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिख दिया था। इससे पहले खेमका शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा और लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह को भी आड़े हाथ ले चुके हैं। 

ट्रांसफर होते ही राज्य सरकार ने पलटे फैसले

अशोक खेमका के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता से ट्रांसफर के बाद हरियाणा सरकार ने उनके जरिए लिए गए फैसलों को पलटना शुरू कर दिया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव पद पर रहते हुए खेमका ने करीब साढ़े तीन लाख लोगों की सामाजिक पेंशन बंद कर दी थी। राज्य सरकार ने इनमें से 2.20 लाख से अधिक लोगों की पेंशन उनके बैंक खातों में भिजवा दी है। अन्‍य लोगों की पेंशन भी जल्‍द जारी किए जाने की संभावना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक खेमका के इस फैसले की वजह से ही उनका 51वां ट्रांसफर किया गया था। 
 

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