अटल बिहारी, प्रणब और मनमोहन को छोड़ने होंगे सरकारी आवास ?

अटल बिहारी, प्रणब और मनमोहन को छोड़ने होंगे सरकारी आवास ?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-07 02:37 GMT

डिजिटल डेस्क,दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अटली बिहारी वाजपेयी और एचडी देवगौड़ा को लुटियंल जोन स्थित अपने सरकारी आवास को खाली करना पड़ सकता है। 2017 में 23 अगस्त को NGO लोक प्रहरी की ओर से जारी जनहित याचिका पर जस्टिस रंजन गौगोई और नवीन सिन्हा की अदालत ने गोपाल सुब्रमण्यम को इस मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था। पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम के सुझावों को यदि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मान लिया जाता है तो देश के सर्वोच्च पदों पर रही इन हस्तियों को अपने आवास छोड़ने होंगे। जस्टिस गोगोई और आर. भानुमति ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अगली तारीख 16 जनवरी के लिए तय की है।

              




गौलतलब है कि साल 2017 में लोक प्रहरी ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगलों के आवंटन के फैसले को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था, "हमारा यह मानना है कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दे जनता के महत्व के हैं। यह सवाल अन्य राज्यों और केंद्र में भी खड़ा होता है। हमारा विचार है कि इस मामले में गहराई से विचार किए जाने की जरूरत है और सभी संबंधित पक्षों के बारे में सोचा जाना चाहिए।" 

     


इस पर सुब्रमण्यम ने कहा कि पद छोड़ने के बाद वो लोग आम नागरिक होते हैं इसलिए उन्हें प्रोटोकॉल, पेंशन और अन्य पोस्ट रिटायरमेंट सेवाओं के अलावा अधिक लाभ नहीं दिए जाने चाहिए।सुब्रमण्यम ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों को सरकारी बंगले दिया जाना समानता के अधिकार का उल्लंघन है। जब पूर्व पीएम या प्रेजिडेंट अपना पद छोड़ता है तो उसे अपने आधिकारिक आवास भी छोड़ देने चाहिए।  

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