बिहार : बाढ़ में 12 दिनों से फंसे दंपति को सुरक्षित निकाला गया

बिहार : बाढ़ में 12 दिनों से फंसे दंपति को सुरक्षित निकाला गया

IANS News
Update: 2019-10-01 15:00 GMT
बिहार : बाढ़ में 12 दिनों से फंसे दंपति को सुरक्षित निकाला गया

मुंगेर, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के मुंगेर में बाढ़ प्रभावित इलाके से एनडीआरएफ की टीम ने मंगलवार को 14 दिनों से अपने घर में फंसे दंपति सहित उसके पालतू पशुओं को सुरक्षित बाहर निकाला। बाढ़ पीड़ित दंपति का कहना है कि वे लोग 12 दिनों से बाढ़ में फंसे हुए थे और छह दिनों से उन्हें खाना नसीब नहीं हुआ था।

जिले में छह प्रखंडों के 18 पंचायतों के कई गांवों में बाढ़ का पानी लगभग 14 दिनों से कहर बरपा रहा है। बरियारपुर-खड़गपुर मुख्य मार्ग के किनारे बसे खड़गपुर प्रखंड के तेलडीहा पंचायत अंतर्गत कृष्णानगर गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न है। 40 परिवार की जनसंख्या वाले इस गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के गांव के सभी लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।

गांव के उमाकांत पासवान और उनकी पत्नी गीता देवी अपने पालतू पशुओं बकरी, कुत्ता, खरगोश आदि को छोड़कर नहीं जा सके। इन लोगों का अनुमान था कि बाढ़ का पानी आया है और एक-दो दिनों में उतर जाएगा।

इस बीच बाढ़ का पानी बढ़ता गया और पानी पूरे घर में प्रवेश कर गया। इस बीच दंपति घर की छत पर शरण लिए हुए थे। दंपति का पुत्र जब दिल्ली से अपने घर आया, तब उसने इसकी सूचना मीडिया और प्रशासन को दी। तब सोमवार से दंपति को निकालने की कोशिश शुरू हुई, जो मंगलवार को कामयाब हुई।

दंपति का कहना है, गांव में एक बार पहले भी बाढ़ का पानी आया था, लेकिन दो दिन बाद पानी कम हो गया था। इस बार गांव में बाढ़ का पानी अचानक घुस गया, संभावना थी कि पानी निकल जाएगा। लेकिन पानी बढ़ता चला गया और घर तक डूबा गया। हमलोग छत पर शरण लिए हुए थे। चार-पांच दिनों से सूखा चूड़ा खा रहे हैं।

खड़गपुर के अंचल पदाधिकारी (सीओ) हलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें सोमवार को सूचना मिली कि एक दंपति बाढ़ के पानी में एक छत पर फंसा है। इसके बाद मंगलवार को एनडीआरएफ की टीम बुलाकर दंपति और उसके पालतू जानवरों को निकाला गया।

दंपति के पुत्र मिथुन ने कहा, मैं दिल्ली में मजदूरी करता हूं। मां-पिता ने फोन किया कि वे अपने ही घर में बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। मैं रविवार को यहां पहुंचा। पानी में फंसे मां और पिताजी को निकालने के लिए सोमवार को मैं नाव की तलाश करता रहा। नहीं मिलने पर मैंने प्रशासन और मीडिया के लोगों से मदद की गुहार लगाई।

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