CAG ने राष्ट्रपति को भेजी राफेल की ऑडिट रिपोर्ट, संसद में जल्द होगी पेश

CAG ने राष्ट्रपति को भेजी राफेल की ऑडिट रिपोर्ट, संसद में जल्द होगी पेश

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-11 13:47 GMT
CAG ने राष्ट्रपति को भेजी राफेल की ऑडिट रिपोर्ट, संसद में जल्द होगी पेश
हाईलाइट
  • आम चुनाव से पहले 16 वीं लोकसभा के अंतिम सत्र का बुधवार आखिरी दिन है।
  • राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़ी CAG की ऑडिट रिपोर्ट सोमवार को राष्ट्रपति भवन भेज दी गई।
  • रिपोर्ट को अगले दो दिनों के भीतर संसद में पेश किए जाने की संभावना है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़ी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट सोमवार को आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति भवन भेज दी गई। रिपोर्ट को अगले दो दिनों के भीतर संसद में पेश किए जाने की संभावना है। आम चुनाव से पहले 16 वीं लोकसभा के अंतिम सत्र का बुधवार आखिरी दिन है। बता दें कि फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट से 36 राफेल फाइटर जेट खरीदने को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल खड़े कर रही है।

CAG ने राफेल को लेकर जो रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी है वो रिपोर्ट काफी लंबी है, इसे 12 चैप्टर में तैयार किया गया है। CAG अपनी रिपोर्ट की एक कॉपी राष्ट्रपति के पास और दूसरी कॉपी वित्त मंत्रालय के पास भेजता हैं। हालांकि प्रोटोकॉल के तहत सबसे पहले राष्ट्रपति को इस रिपोर्ट को भेजा गया है। अब लोकसभा स्पीकर के ऑफिस और राज्यसभा चेयरमैन के ऑफिस को राष्ट्रपति भवन इस रिपोर्ट को भेजेगा।

इससे पहले रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने CAG राजीव महर्षि की भूमिका पर सवाल उठाया था। सिब्बल ने कहा था, चूंकि महर्षि 2014-15 के बीच वित्त सचिव थे और राफेल वार्ता का एक हिस्सा थे, इसलिए राफेल सौदे का ऑडिट करना उनके लिए अनुचित होगा। सिब्बल ने महर्षि से अनुरोध किया था कि वह 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के करार की ऑडिट प्रक्रिया से खुद को अलग कर लें।

बता दें, वित्त सचिव के रूप में सेवा देने के बाद राजीव महर्षि को अगस्त, 2015 में केंद्रीय गृह सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। पिछले साल सितंबर में महर्षि ने सीएजी के रूप में कार्यभार संभाला था। प्रेस को दिए एक बयान में, सिब्बल ने कहा था, "निश्चित तौर पर वह वित्त सचिव के तौर पर लिए गए फैसलों की जांच नहीं कर सकते। वह पहले खुद को और फिर अपनी सरकार को बचाएंगे। इससे बड़ा हितों का टकराव तो कुछ हो ही नहीं सकता।"

उधर, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था, "संस्थाओं को नष्ट करने वालों का अब झूठ के आधार पर CAG की संस्था पर एक और हमला। सरकार में 10 साल रहने के बाद भी यूपीए के पूर्व मंत्रियों को यह भी नहीं पता है कि फाइनेंस सेक्रटरी सिर्फ एक पद है जो वित्त मंत्रालय में वरिष्ठतम सेक्रटरी को दिया जाता है। सेक्रटरी (इकनॉमिक अफेयर्स) का रक्षा मंत्रालय की खर्च से जुड़ी फाइलों में कोई भूमिका नहीं होती। रक्षा मंत्रालय की फाइलों को सेक्रटरी (एक्सपेंडिचर) देखते हैं।" 

Similar News