एयरसेल-मैक्सिस मामला: चिदंबरम, कार्ति की गिरफ्तारी पर रोक 30 मई तक बढ़ी

एयरसेल-मैक्सिस मामला: चिदंबरम, कार्ति की गिरफ्तारी पर रोक 30 मई तक बढ़ी

Manmohan Prajapati
Update: 2019-05-06 08:58 GMT
एयरसेल-मैक्सिस मामला: चिदंबरम, कार्ति की गिरफ्तारी पर रोक 30 मई तक बढ़ी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक की अवधि 30 मई तक बढ़ा दी है। दरअसल सोमवार को इस मामले में ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले में अभी जांच चल रही है और टीम को यूके और सिंगापुर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही टीम ठोस सबूत और दस्तावेजों के साथ होगी जिन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। 

इन्होंने किया विरोध
वहीं कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि 2014 से अब तक इस मामले को लगातार लंबा खींचने की कोशिश की जा रही है। जबकि 13 बार इस मामले में कोर्ट से समय लेने के बाद भी जांच एजेंसी के हाथ खाली हैं। कपिल सिब्बल की तरफ से इस मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को कहा गया कि यह उनके क्लाइंट को बेवजह परेशान करने की कोशिश है।

नहीं मिला 3 माह का समय
ऐसे में जब सीबीआई और ईडी ने कार्ति और चिदंबरम के खिलाफ जांच पूरा करने के लिए कोर्ट से समय मांगा, तो एजेंसी की ओर से बार-बार इस मामले में तारीख मांगने को लेकर कोर्ट ने पूछा कि आखिर मामले की जांच पूरा करने के लिए आपको कितने समय की जरूरत है। इस पर तुषार मेहता का कहना था कि जल्द ही नतीजे सामने होंंगे। जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 मई तक टाल दी है। हालांकि कोर्ट ने 3 महीने का समय देने के लिए मना कर दिया।

ED और CBI का कहना
आपको बता दें कि कोर्ट इस समय कार्ति और पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है और इस अग्रिम जमानत का ईडी और सीबीआई विरोध कर रही है। ईडी और सीबीआई का कहना है कि उसे जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए।

चार्जशीट हुई थी दायर
एयरसेल-मैक्सिस मामला वर्ष 2006 में सामने आया। जिसमें सीबीआई ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में कहा गया था कि पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपनी पावर का गलत इस्तेमाल किया। पी चिदंबरम पर आरोप है कि उनके पास महज 600 करोड़ रूपये तक के ही प्रोजेक्ट प्रपोजल्स को मंजूरी देने का अधिकार था। उन्हें इससे बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट समिति से मंजूरी लेना जरूरी था। एयरसेल मैक्सिस डील केस 3500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था। इसके बाद भी चिदंबरम ने बिना कैबिनेट की मंजूरी के इस डील को पास कर दिया। 

इस मामले में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120B और पीसी एक्ट की धारा 7, 1213 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। इस मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। जबकि ईडी ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

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