राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अरुणाचल दौरा, चीन बौखलाया

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अरुणाचल दौरा, चीन बौखलाया

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-20 12:36 GMT
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अरुणाचल दौरा, चीन बौखलाया

डिजिटल डेस्क, ईटानगर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा क्या किया, चीन बौखला गया है। रविवार को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इसके बाद सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने तमतमाते हुए कहा है कि भारत और चीन के बीच रिश्ते बेहद नाजूक चल रहे हैं, ऐसे में भारत को मौजूदा हालात को देखते हुए इससे बचना चाहिए।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने अरुणाचल में लगातार दौरों पर ऐतराज जताते हुए कहा कि हमें ऐसा समाधान निकालना चाहिए जो सभी को स्वीकार्य हो। भारत को नसीहत देते हुए कहा है कि ऐसे वक्त में जब दोनों देशों के रिश्ते बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं, भारत को इसका ध्यान रखना चाहिए। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि दोनों ही देश मतभेद वाले मुद्दों का समाधान निकाल रहे हैं।

अरुणाचल को मान्यता नहीं दे सकता चीन

लू कांग ने कहा है कि चीन की सरकार कभी भी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दे सकती है। बॉर्डर मुद्दे पर हमारी स्थिति लगातार एक सी और साफ है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत इसी दिशा में काम कर सकता है। इससे बाइलेटरल संबंधों को मजबूती मिलेगी और बॉर्डर मुद्दे पर बातचीत करने में मदद मिलेगी। दोनों देश बातचीत के जरिए इस मुद्दे का समाधान निकालने की प्रोसेस में हैं और ऐसे हल पर पहुंचना चाहते हैं जो सभी को मंजूर हो।

अरुणाचल में बोले राष्ट्रपति

रविवार को चार दिन के अरुणाचल दौरे पर ईटानगर पहुंचे राष्ट्रपति ने विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में पार्टी लाइन पर चुनाव लड़े जाते हैं लेकिन निर्वाचित प्रतिनिधि पार्टी के विधायक नहीं होते बल्कि पूरे क्षेत्र के विधायक होते हैं। राष्ट्रपति ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश देश के लोगों के लिये प्रेरणा का स्रोत है।

कोविंद ने कहा था कि आपके पास इस इमारत की तरह अपने लोगों के लिए जगह होनी चाहिए, जिन्होंने बेहद उम्मीद और अकांक्षाओं के साथ आपको चुना है। अपने मतदाताओं की आकांक्षाओं को बरकरार रखने और पूरी गंभीरता से उनकी सेवा करने के लिए आपको उनकी जिम्मेदारियां साझा करनी चाहिए।

3 दिन पहले ही हुई चीन से बात

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को ही चीन और भारत के अधिकारियों ने बीजिंग में भारत-चीन मामलों पर परामर्श व समन्वय कार्यतंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के 10वें चरण में सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि दोनों देशों ने भारत-चीन सीमा के सभी पक्षों की स्थितियों की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए सीमा क्षेत्र पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। इससे पहले अगस्त में भी राष्ट्रपति सेना के कार्यक्रम में एक दिन के दौरे पर लद्दाख जा चुके हैं।

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