संघ की शाखा पर सियासत: सीएम ने कहा दम हो तो दफ्तरों में शाखा बैन करके दिखाए कांग्रेस

संघ की शाखा पर सियासत: सीएम ने कहा दम हो तो दफ्तरों में शाखा बैन करके दिखाए कांग्रेस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-13 05:32 GMT
संघ की शाखा पर सियासत: सीएम ने कहा दम हो तो दफ्तरों में शाखा बैन करके दिखाए कांग्रेस
हाईलाइट
  • दम हो तो दफ्तरों में शाखा बैन करके दिखाए कांग्रेस- शिवराज
  • जनता को भ्रमित करना चाहती है भाजपा- कमलनाथ
  • संघ की शाखाओं को लेकर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। चुनाव से पहले प्रदेश में संघ की शाखाओं को लेकर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने हैं। दरअसल कांग्रेस के वचनपत्र में सरकारी कर्मचारियों के संघ की शाखाओं में शामिल होने और सरकारी परिसरों में शाखा लगाने पर रोक की बात को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान खासे नाराज हैं। वहीं कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इस मुद्दे पर भाजपा जनता को भ्रमित कर रही है।

शाखा में हिस्सा लेने से कोई नहीं रोक सकता
मध्यप्रदेश के खरगौन जिले के बड़वाह विधानसभा में चुनावी सभा ते दौरान शिवराज ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर जमकर कोसा। सीएम शिवराज ने कहा कि संघ की शाखाओं में सरकारी कर्मचारी हिस्सा लेंगे उन्हें कोई रोक नहीं सकता।

दम है तो बैन लगाकर दिखाए
शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुआ कहा कि नेहरू की कांग्रेस संघ पर बैन नहीं लगा पाई तो अभी की कांग्रेस की बिसात ही जो संघ पर बैन लगा सके। उन्होने कहा कि संघ देशभक्तों की शाखा है, यहां राष्ट्रनिर्माण और अनुशासन सिखया जाता है। संघ की शाखाएं अब सरकारी कार्यालयों में भी लगेंगी और सरकारी कर्मचारी भी हिस्सा लेंगे, इस पर कोई भी बैन नहीं लगा सकता है। कांग्रेस को चुनौती देते हुए शिवराज को कहा कि दम है तो कांग्रेस बेन लगाकर दिखाए।

बेवजह मुद्दा बना रही भाजपा-कमलनाथ
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए दो दिन पहले जारी किए गए घोषणापत्र में पार्टी ने, या उन्होंने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही है और न ही इस तरह की उनकी कोई मंशा है। कमलनाथ भाजपा पर निशाना सादते हुए कहा कि बीजेपी जानबूझकर इस तरह के मुद्दों को हवा देकर जनता को भ्रमित करना चाहती है।

सिंधिया ने दिया नियमों का हवाला
कांग्रेस सांसद और सीएम इन वेटिंग माने जा रहे ज्योतिरादित्य सिंघिया ने संघ की शाखाओं के सरकारी भवनों में बैन पर कहा की ये सोच पुरानी है। उन्होने कहा कि ये पुरानी सोच विचार धारा है और नियम है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक संगठन से नही जुड़ सकता है। धर्म को राजनीति में मत लाओ ओर राजनीति को धर्म मे मत ले जाओ।
 

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