कचरा बीनने वाले के बेटे का मोदी ने किया जिक्र, एम्स में सिलेक्ट हुआ है मप्र का आशाराम

कचरा बीनने वाले के बेटे का मोदी ने किया जिक्र, एम्स में सिलेक्ट हुआ है मप्र का आशाराम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-29 10:29 GMT
कचरा बीनने वाले के बेटे का मोदी ने किया जिक्र, एम्स में सिलेक्ट हुआ है मप्र का आशाराम
हाईलाइट
  • एमपी के आशाराम का सुयस
  • विपरीत स्थितियों में पास की AIIMS की परीक्षा।
  • ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी दसवी की टॉपर।
  • डॉक्टर बनना चाहती है अफरीन।

डिजिटल  डेस्क,नई दिल्ली। “जहां चाह वहां राह” इस कहावत को एमपी के देवास जिले की विजयागंजमंडी में रहने वाले आशाराम चौधरी ने एकबार फिर चरितार्थ कर दिखाया है। आशाराम चौधरी और उनका परिवार अत्यंत विषम परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहा है। आशाराम के पिता रणजीत चौधरी शहर की सड़कों पर प्लास्टिक  इकट्ठा कर गुजर बसर करते हैँ। विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए आशाराम ने अपनी मेहनत और लगन से AIiMS की प्रवेश प्रवेश परीक्षा पास कर जोधपुर के एम्स में प्रवेश प्राप्त कर लिया है।

मन की बात में मोदी ने की तारीफ 
पीएम मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश के अत्यंत गरीब परिवार के आशाराम चौधरी ने जीवन की मुश्किल चुनौतियों को पार करते हुए सफलता हासिल की है। उन्होंने जोधपुर AIIMS की MBBS की परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में सफ़लता पाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अनेक छात्रों ने विपरीत परिस्थियों के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो हमें प्रेरणा देता है। चाहे वो दिल्ली के प्रिंस कुमार हों, जिनके पिता डीटीसी में बस चालक हैं या फिर कोलकाता के अभय गुप्ता जिन्होंने स्ट्रीट लाइट्स के नीचे पढ़ाई की। सभी समाज को प्रेरणा देते हैं। 

राहुल गांधी ने पत्र लिखकर दी बधाई
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यछ राहुल गांधी ने आशाराम चौधरी को पत्र लिखकर बाधाई दी है, उन्होनें कहा कि मैं बहुत खुश हूं साथ ही आश्चर्यचकित भी हूं कि आपने किस तरह विपरीत स्थितियों में पढाई की होगी। राहुल ने यह भी लिखा कि आशाराम तुम्हे देखकर तुम्हारे गाँव और आसपास के बच्चे भी प्रभावित होंगे।

आफरीन के कमाल को देश का सलाम
पीएम मोदी ने आज मन की बात के दौरान अहमदाबाद की बेटी आफरीन खान का भी ज़िक्र किया। आफरीन ने कठिन परिस्थितियों से लड़ते हुए गुजरात दसवीं बोर्ड की परिक्षाओं में 98.3 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। आफरीन के परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नही है और उनके पिता  शेख मोहम्‍मद हम्मजा ऑटो चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।
 

डॉक्‍टर बनना है सपना
अफरीन ने कहा कि परिवार के सदस्य चाहते हैं की वो डॉक्टर बने और उनका भी यही सपना है। अफरीन ने कहा कि वो रोज़ाना 6 से 7 घंटे पढ़ाई करती हैं। अफरीन के पिता शेख मोहम्‍मद हम्‍जा ने कहा कि अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

 

 

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