Toilet नहीं बनवाने पर रेलवे की हुई खिंचाई
Toilet नहीं बनवाने पर रेलवे की हुई खिंचाई
डिजिटल डेस्क, नईदिल्ली। पश्चिम दिल्ली के शकूर बस्ती इलाके में गरीबों के लिए शौचालय बनाकर देने के आदेश की नाफरमानी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रेलवे की जमकर खिंचाई की। जस्टिस एस मुरलीधर विभु बाखरू की बेंच ने 12 मई को आदेश दिया था कि उत्तरी रेलवे शकूर बस्ती के झुग्गीवासियों के लिए रेडीमेड टॉयलेट बनवाकर रखें।
उत्तरी रेलवे को अपनी जमीन पर यह काम करना था,जो नहीं किया गया। इस पर कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी। बेंच ने इस मामलें में उत्तरी रेलवे और शहरी गरीबी उन्मूलन बोर्ड को नोटिस जारी कर कहा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। इस पर बोर्ड का कहना था कि उत्तरी रेलवे चार जगहों पर टॉयलेट रखवाने में रुकावट पैदा कर रहा है।
रेलवे का कहना था कि उसने 9 अगस्त की नई नीति के तहत मानसरोवर पार्क पर मोबाईल टॉयलेट का इंतजाम किया है। इस दलील को कोर्ट ने मुर्खता पूर्वक बताते हुए कहा "इतनी दूर लोग कैसे जाएंगे ? बस से या मैट्रो से" ? कोर्ट ने कहा कि मानसून के सीजन में लोगों को खुले में शौच करने से रोकना जरुरी है मामलें की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होनी है ।