दिल्ली हिंसा : सबसे पहले शिव विहार के स्कूलों को बनाया गया निशाना

दिल्ली हिंसा : सबसे पहले शिव विहार के स्कूलों को बनाया गया निशाना

IANS News
Update: 2020-02-27 15:31 GMT
दिल्ली हिंसा : सबसे पहले शिव विहार के स्कूलों को बनाया गया निशाना
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नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर पूर्वी दिल्ली में जब रविवार को हिंसा भड़कनी शुरू हुई तो उपद्रवियों ने सबसे पहले शिव विहार स्थित राजधानी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को अपने कब्जे में लिया।

शिव विहार में हिंसा के दौरान जलाए गए दो स्कूलों में से एक राजधानी स्कूल के बेंच पर एकमात्र अनछुई चीजों में चौथी कक्षा के छात्र की गणित और विज्ञान की कॉपी पड़ी मिली हैं। इसमें पहला प्रश्न पूछा गया है, कृत्रिम उपग्रह कहां घूम रहे हैं? इसके उत्तर में लिखा गया है, पृथ्वी के चारों ओर।

नोट बुक में छात्र का नाम नहीं है। ऐसा लगता है कि शिव विहार स्थित राजधानी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रशासन ने जब बच्चों व शिक्षकों को तुरंत स्कूल से निकलने को कहा था तो वह बच्चा इसे बैग में रखना भूल गया होगा।

नोटबुक में गणित और विज्ञान विषय के पाठ हैं। यह कॉपी स्कूल की पहली मंजिल के एक बेंच पर पड़ी मिली।

राजधानी स्कूल में रविवार को हिंसक भीड़ घुसी और स्कूल की छत से ही पेट्रोल बम तैयार किया गया। इसके बाद इलाके में तबाही शुरू हो गई।

भारी नुकसान पहुंचाने के बाद उपद्रवी स्कूल की इमारत की छत से रस्सियों के सहारे भाग निकले और फिर उससे सटे एक और स्कूल डीआरपी में आग लगा दी।

यहां स्कूल की कक्षाओं में किताबें, डेस्क और मेज जलने की बदबू अभी भी महसूस की जा सकती है। दीवारों पर मिक्की माउस, डोरेमोन और अन्य कार्टून किरदारों के चित्र भी आग की लपटों में उठते धुएं से काले पड़ चुके हैं।

वहीं डीआरपी स्कूल की हर कक्षा में नोटिस बोर्ड पर कला एवं शिल्प से जुड़े विभिन्न पैम्फलेट्स लगाए गए थे, आग में जलकर उनका रंग-रूप भी अब बिगड़ चुका है।

दंगाइयों द्वारा पेट्रोल बमों को हर कक्षा में फेंकने के बाद क्लास रूम की बेंच खाक हो चुकी हैं और रंगीन दीवारें काली पड़ चुकी हैं।

स्कूल में खिड़की के शीशे तोड़ दिए गए हैं। किताबें जला दी गईं और स्कूल प्रिंसिपल के कमरे में लूटपाट करने के अलावा तोड़फोड़ की गई है।

यह दोनों ही स्कूल एक-दूसरे से सटे हुए थे और इनमें उग्र लोगों की भीड़ ने खूब तबाही मचाई।

राजधानी स्कूल की रखवाली करने वाले 36 वर्षीय मनोज कलौनी ने आईएएनएस को बताया कि हिंसा शुरू होने के बाद वह लगभग 48 घंटे तक स्कूल परिसर के अंदर फंसे रहे। उन्होंने कहा कि स्कूल के मालिक फैसल फारूक ने गुरुवार को यहां का दौरा किया और उन्हें सांत्वना दी।

दोनों स्कूलों के स्कूली बच्चों को सुरक्षित बाहर निकलने में मदद करने वाले विजय बहादुर (44) ने कहा कि स्कूल पर दोपहर 3.30 बजे के करीब हमला हुआ। विजय ने कहा, जब स्कूलों पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गए तो स्कूल में मौजूद शिक्षक पिछले दरवाजे से भाग गए।

उपद्रवियों ने बबलू नामक एक व्यक्ति की स्कूल वैन को भी जलाकर खाक कर दिया। बबलू ने बताया, उपद्रवियों ने स्कूलों पर कब्जा कर लिया। स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस नियंत्रण कक्ष को फोन करने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा कॉल नहीं उठाई गई। जब कॉल पर बात हुई तो हम मदद की गुहार लगाते रहे, मगर लेकिन पुलिस नहीं आई।

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