अब 'वन्दे मातरम' पर भी अखाड़ा बन रही विधानसभा

अब 'वन्दे मातरम' पर भी अखाड़ा बन रही विधानसभा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-29 10:29 GMT
अब 'वन्दे मातरम' पर भी अखाड़ा बन रही विधानसभा

डिजिटल डेस्क,मुंबई। राष्ट्रगीत वन्दे मातरम को लेकर शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा क बाहर बीजेपी और MIM विधायकों के बीच जमकर बहस और हंगामा हुआ। हंगामा इतना जोरदार था कि MIM के विधायक वारिस पठान वहीं पर जमीन पर बैठ गए और जिद पकड़ ली कि चाहे जो हो जाए लेकिन वो वन्दे मातरम नहीं बोलेंगे। इस पर बीजेपी क विधायक राज पुरोहित पर भी उनसे वन्दे मातरम बोलने के लिए जोर जबरदस्ती करते रहे। लेकिन इतना सब हुआ क्यों? क्या आप ए जानते हैं? अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं इसके पीछे की पूरी वजह।

दरअसल, इसके पीछे मद्रास हाई कोर्ट का वो फैसला है, जिसमे स्कूलों और ऑफिस में वन्दे मातरम गाने को अनिवार्य करने को कहा गया था। हाई कोर्ट के  इसी फैसले पर कल महाराष्ट्र विधानसभा में इस बात पर चर्चा हुई कि राज्य के सभी स्कूलों और ऑफिस में भी वन्दे मातरम को जरुरी कर दिया जाए। इसी बात पर विपक्ष ने विरोध कर दिया। विरोध और बहस इतनी जोरदार हुई कि इसकी गूंज विधानसभा के मेन हॉल  के बाहर भी सुनाई दी। बाहर आते ही बीजेपी विधायक राज पुरोहित और MIM विधायक वारिस पठान आपस में भीड़ गए।

मद्रास हाईकोर्ट ने फैसले में क्या कहा ? 
पिछले दिनों दी अपने एक फैसले में कोर्ट ने तमिलनाडु के सभी स्कूल, कॉलेजो में राष्ट्रीय गीत को हफ्ते में कम से कम दो बार गाना अनिवार्य है। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा था कि अगर किसी व्यक्ति या संगठन को इसे गाने में दिक्कत है। तो उन्हें इसके लिए मजबूर नहीं किया जाएगा, बशर्ते कि ऐसा नहीं करने की उनके पास कोई वैध वजह हो।

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