अयो​ध्या विवाद: सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए 

अयो​ध्या विवाद: सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-30 16:33 GMT
अयो​ध्या विवाद: सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी दिनों में अयोध्या में विवादित भूमि पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है। निर्णय जो भी आए उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के बाद देशभर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे। यह बात आज (बुधवार) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कही है। दरअसल, दिल्ली के छतरपुर में RSS और विश्‍व हिंदू परिषद (VHP) कोर ग्रुप की बैठक हो रही है। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत और भैयाजी जोशी मौजूद हैं। 

संगठन के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी, लेकिन इसे आवश्यक कारणों से स्थगित कर दिया गया। अब बैठक दिल्ली में हो रही है। उन्होंने कहा कि निर्णय के बाद देशभर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, हम इस पर भी चर्चा कर रहे हैं।

आने वाले दिनों में देश के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती हैं: शरद पवार

वहीं राम मंदिर पर आने वाले फैसले पर शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आने वाले दिनों में देश के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती हैं। शरद पवार ने कहा कि 6 नवंबर को अयोध्या में जमीन विवाद के मामले में फैसला आ सकता है। देश में कुछ ऐसी ताकते हैं, जो इसके बाद अपनी ताकत का इस्तेमाल माहौल को बिगाड़ने में कर सकते हैं। वह दो समुदायों के बीच दूरियां बढ़ा सकते हैं। पवार ने इस फैसले के बाद देश में अप्रिय घटना की आशंका भी जताई। उन्होंने कहा कि अब सरकार का काम है कि वह किस तरह से फैसले के बाद शांति और भाईचारे को बनाए रखेगी।

बेंच ने 40 दिन तक लगातार सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या की विवादित राम जन्मभूमि पर केस की सुनवाई पूरी हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि नवंबर में ही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला दे सकता है। आरएसएस से पहले हाल ही में पीएम मोदी ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए समाज किस तरह से सतर्क रहा है, इसका उदाहरण सितंबर 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले से मिला था। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली 5 जजों की बेंच ने 40 दिन तक लगातार सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को 3 पक्षकारों (सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला) के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद हाई कोर्ट के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई की है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 17 नवंबर से पहले अयोध्या मामले पर फैसला सुना सकते हैं।

 

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