प्रसिद्ध साहित्यकार दूधनाथ सिंह का निधन, इलाहाबाद में ली अंतिम सांस

प्रसिद्ध साहित्यकार दूधनाथ सिंह का निधन, इलाहाबाद में ली अंतिम सांस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-12 12:45 GMT
प्रसिद्ध साहित्यकार दूधनाथ सिंह का निधन, इलाहाबाद में ली अंतिम सांस

डिजिटल डेस्क, इलाहाबाद। प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कथाकार दूधनाथ सिंह का निधन हो गया है। दूधनाथ सिंह ने इलाहाबाद में अंतिम सांस ली। कैंसर से पीड़ित दूधनाथ सिंह को बुधवार रात दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। दूधनाथ सिंह पिछले कई दिनों से वह इलाहाबाद के फीनिक्स अस्पताल में भर्ती थे। इसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा। बता दें कि दूधनाथ सिंह की पत्नी का देहांत करीब 2 साल पहले हो गया है।

परिजनों के अनुसार पिछले साल अक्तूबर माह में तकलीफ बढ़ने पर दूधनाथ सिंह को नई दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में दिखाया गया। जांच में प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि होने पर उनका वहीं इलाज चला। 26 दिसंबर को उन्हें इलाहाबाद लाया गया। दो-तीन दिन बाद तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फीनिक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उनका वहीं इलाज चल रहा था।

गौरतलब है कि दूधनाथ सिंह मूल रूप से बिहार में बलिया के रहने वाले हैं। दूधनाथ सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए किया और यहीं वह हिंदी के अध्यापक नियुक्त हुए। इसके बाद वे 1994 में अध्यापक पद से सेवानिवृत्ति हुए और उसके बाद से लेखन और संगठन में निरंतर सक्रिय रहे। निराला, पंत और महादेवी के प्रिय रहे दूधनाथ सिंह का आखिरी कलाम "लौट आओ घर" था। इसके अलावा भी "सपाट चेहरे वाला आदमी", "यमगाथा", "धर्मक्षेत्रे-कुरुक्षेत्रे" उनकी प्रसिद्ध रचनाएं थीं।

उन्हें उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान भारत भारती व मध्य प्रदेश सरकार के शिखर सम्मान मैथिलीशरण गुप्त से सम्मानित किया गया था। दूधनाथ सिंह अपने पीछे दो बेटे-बहू, बेटी-दामाद और नाती-पोतों से भरा परिवार छोड़ गए हैं। दो साल पहले उनकी पत्नी निर्मला ठाकुर का निधन हो गया था।

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