गे राजकुमार मानवेंद्र सिंह ने कहा- कई बड़े धार्मिक गुरु मुझसे यौन संबंध बनाना चाहते थे

गे राजकुमार मानवेंद्र सिंह ने कहा- कई बड़े धार्मिक गुरु मुझसे यौन संबंध बनाना चाहते थे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-21 14:12 GMT
गे राजकुमार मानवेंद्र सिंह ने कहा- कई बड़े धार्मिक गुरु मुझसे यौन संबंध बनाना चाहते थे
हाईलाइट
  • गोहिल गुरुवार को आणंद जिले के सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे।
  • राजघराने से जुड़े भारत के पहले समलैंगिक राजकुमार मानवेंद्र ने कहा है कि कई बड़े धर्मगुरु उनके साथ सोना चाहते थे।
  • हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।

डिजिटल डेस्क, वड़ोदरा। राजघराने से जुड़े भारत के पहले समलैंगिक राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल ने कहा है कि कई बड़े धर्मगुरु उनके साथ सोना चाहते थे। गोहिल गुरुवार को आणंद जिले के सरदार पटेल यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे। इस दौरान गोहिल ने दावा किया कि देश के कई बड़े धर्मगुरु ने उनके साथ यौन संबंध बनाने की इच्छा जाहिर की थी।

गोहिल को यूनिवर्सिटी ने "LGBTQ-मुद्दे एवं चिताएं" विषय पर डिबेट में बुलाया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। गोहिल ने इसपर अपना विचार रखते हुए कहा, "मैंने कहा था, भारत एकदिन इतिहास रचेगा। मैंने यही बात अमेरिका में एक भाषण में भी कही थी। 2013 में सुनाए गए फैसले के वक्त स्थिति दूसरी थी। उस वक्त देश भर के सभी धार्मिक गुरु, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम और सभी राजनेता हमारे खिलाफ एकजुट हो गए थे। हम उस वक्त अलग पड़ गए थे। धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुझे बहुत खुशी है। इसके लिए "लक्ष्य ट्रस्ट" के कर्मचारियों और स्वयंसेवी साथियों ने पुलिस से बहुत अपमान सहा है।"

गोहिल ने धर्मगुरुओं को पाखंडी और दोगला बताया। उन्होंने कहा कि LGBTQ लोगों ने इस फैसले के लिए काफी संघर्ष किया है। उन्होंने कहा, "मुझे यह बताने में कोई शर्म नहीं है कि कई धर्मगुरु मेरे पास आए थे। उन्होंने मुझसे संबंध बनाने के लिए भी कहा। मैंने उनके आश्रमों में जागरुकता फैलाने का काम किया था। यहां तक कि HIV स्क्रीनिंग को प्रमोट करने के लिए मैंने आश्रमों को चुना। मैंने अपने कार्यकर्ताओं को आश्रम में जाकर HIV टेस्ट करने को कहा, क्योंकि वहां HIV पीड़ित लोग मिल सकते हैं।" गोहिल ने कहा कि जागरुकता जरुरी है। उनके कार्यकर्ताओं को कॉन्डम बांटने तक के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि वह गुजरात सरकार से अनुमति ले चुके थे।

बता दें कि राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल राजपिपला के राजपरिवार से हैं। गोहिल ने अपने समलैंगिक होने की बात खुद स्वीकारी थी। यह बात राजघराने को पसंद नहीं आई थी और उन्होंने गोहिल को उत्तराधिकारी के पद से निकाल दिया था। गोहिल ने इसके बाद समलैंगिकों के हितों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने समलैंगिकों के लिए एक आश्रम भी बनवाया, जिसका नाम "जैनेट" रखा गया। यह एशिया का पहला "गे" आश्रम भी है।

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