बच्ची खेलती रही कैंडी क्रश, डॉक्टरों ने कर दिया ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन

बच्ची खेलती रही कैंडी क्रश, डॉक्टरों ने कर दिया ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-12 02:41 GMT
बच्ची खेलती रही कैंडी क्रश, डॉक्टरों ने कर दिया ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। आमतौर पर किसी भी तरह का ऑपरेशन होने पर डॉक्टर पहले मरीज को एनीस्थिया देकर बेहोश करते हैं, ताकि मरीज को ऑपरेशन के दौरान किसी तरह का दर्द या तकलीफ न हो। वहीं, चेन्नई के एक हॉस्पिटल में डॉक्टर 10 साल की बच्ची का ऑपरेशन कर रहे थे और वो कैंडी क्रश खेलने में बिजी थी। इस ऑपरेशन के दौरान बच्ची को भी किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं हुई और ऑपरेशन भी सक्सेसफुल रहा। 

चैन्नई के SIMS हॉस्पिटल का है मामला

ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के दौरान कैंडी क्रश खेलने का मामला चैन्नई के SIMS हॉस्पिटल का है। कुछ दिनों में सिरदर्द के चलते 5वीं क्लास में पढ़ने वाली नंदिनी को इस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। इसके बाद जब नंदिनी के दिमाग का स्कैन किया गया तो पता चला कि उसे ब्रेन ट्यूमर है और डॉक्टरों ने नंदिनी के परिवार वालों को ऑपरेशन कराने की सलाह दी। इसके बाद जब नंदिनी का ऑपरेशन किया गया, तो वो अपने चाचा के मोबाइल में कैंडी क्रश खेल रही थी और डॉक्टरों ने उसके दिमाग से ट्यूमर भी निकाल दिया। वो भी बिना किसी परेशानी के। 

बच्ची को हो सकता था पैरालिसिस

10 साल की नंदिनी का ऑपरेशन करने वाले डॉ. रुपेश कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, "बच्ची का टेस्ट करने के बाद हमने उसके परिजनों को बताया कि अगर बच्ची के दिमाग से ट्यूमर नहीं हटाया गया तो वो पैरालिसिस का शिकार भी हो सकती है।" उन्होंने बताया कि इसके बाद हमने स्पेशल इक्यूपमेंट के जरिए बच्ची का ऑपरेशन किया और उसके सिर से एक हड्डी के एक टुकड़े को निकाल दिया। 

बहुत संभलकर किया ऑपरेशन

नंदिनी का ऑपरेशन डॉक्टरों ने बहुत ही संभलकर किया है, क्योंकि डॉक्टरों की जरा सी चूक से बच्ची की बॉडी पैरालाइज़्ड हो सकती थी। डॉ. रुपेश कुमार ने बताया कि, "ये ट्यूमर बच्ची के दिमाग में बहुत ही सेंसिटिव जगह पर था और गलती से यदि हम किसी गलत नस को छू देते तो बच्ची का लेफ्ट साइड पैरालाइज़्ड हो सकता था।" उन्होंने आगे कहा कि नंदिनी बहुत ही बहादुर और समझदार बच्ची है। वो ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के दौरान भी मस्ती करती रही, जिससे हमें उसका ऑपरेशन करने में कोई परेशानी नहीं हुई। डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान नंदिनी उनसे बातचीत भी कर रही थी और अपने चाचा के मोबाइल में कैंडी क्रश भी खेल रही थी।

पहले भी आ चुका है इस तरह का मामला

यह कोई पहली बार नहीं है जब ऑपरेशन के दौरान मरीज बहुत हल्के-फुल्के मूड में रहा या जागता रहा। इससे पहले भी बैंग्लोर के एक हॉस्पिटल में इस तरह का मामला सामने आ चुका है, जब दिमाग के ऑपरेशन के दौरान एक युवक गिटार बजा रहा था। इस युवक को उसकी बीमारी का पता डेढ़ साल बाद पता चला, जब वो गिटार बजा रहा था। दरअसल, गिटार बजाते समय उसकी ऊंगलियों में दर्द होने लगा और जब उसने डॉक्टरों को इस परेशानी के बारे में बताया तो पता चला कि उसे ऐसा उसके दिमाग की मांसपेशियों में गड़बड़ी होने के कारण हो रहा है। इसके बाद डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया और उसे गिटार बजाते रहने की सलाह दी ताकि वो उसकी समस्या का जल्द से जल्द पता चल सके। डॉक्टरों का कहना था कि उसे ये समस्या तभी आती थी, जब वो गिटार बजाता था, इसलिए ऑपरेशन के दौरान भी उसे गिटार बजाने को कहा गया।

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