कंधे पर खाट समेत जच्चा-बच्चा को 8 किमी ले जाने वाले डॉक्टर की कहानी

कंधे पर खाट समेत जच्चा-बच्चा को 8 किमी ले जाने वाले डॉक्टर की कहानी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-04 03:57 GMT
कंधे पर खाट समेत जच्चा-बच्चा को 8 किमी ले जाने वाले डॉक्टर की कहानी

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। आपने कई दफा सुना होगा कि डॉक्टर धरती पर भगवान का रूप हैं। ओडिशा के मलकानगिरी जिले के एक सुदूर गांव में डॉक्टर का ये रूप साक्षात देखने को मिला। यहां डॉक्टर ने न सिर्फ महिला की डिलावरी करवाई, बल्कि डिलीवरी के बाद महिला को पैदल 8 किलोमीटर दूर अस्पताल भी लेकर गया। 

दरअसल मलकानगिरी जिले के सुदूर गांव में डॉक्टर ओमकार होता को प्रेग्नेंट महिला की घर पर ही डिलीवरी करनी पड़ी, लेकिन घर पर डिलिवरी के बाद महिला की स्थिति खराब होने पर डॉक्टर ओमकार ने देर न करते हुए महिला को तुरंत अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। साधन ना होने की वजह से डॉक्टर ओमकार महिला के पति के साथ पैदल 8 किलोमीटर तक चलकर हॉस्पिटल तक लेकर गए। 

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क्यों घर पर ही कराई गई डिलीवरी ?

डॉक्टर ओमकार होता लेबर पेन होने की जानकारी मिलने पर फौरन गांव के लिए रवाना हो गए। रोड कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं होने से सुदूर गांव तक वो अपने एक अटेंडेंट के साथ ही पहुंचे। गांव पहुंचने पर उन्होंने देखा कि महिला के शरीर से अत्यधिक खून बह चुका था।

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इसे देखते हुए महिला की डिलीवरी गांव में ही कर दी गई और इसके बाद हालत बिगड़ने पर उसे लेकर पैदल ही हॉस्पिटल ले जाने का फैसला किया। गांव वालों के इनकार करने पर डॉक्टर महिला को खाट सहित लेकर पैदल ही हॉस्पिटल की तरफ चल दिए। डॉक्टर ओमकार की अपने मरीज के प्रति वफादारी देख सारा गांव दंग रह गया। डॉक्टर ओमकार की महिला को पैदल चलकर हॉस्पिटल पहुंचाने वाली तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा हैं। ओमकार उन सभी डॉक्टर्स के लिए मिसाल हैं जो अपने काम को महज पेशे की तरह लेते हैं।

डॉक्टर ओमकार की हो रही है तारीफ

महिला की जान बचाने के लिए डॉक्टर ओमकार ने जिस तरह कोशिश की, वो उनके प्रोफेशन का मान बढ़ाता है। ओडिशा के स्थानीय पत्रकार हिमांशु भूषण ओझा ने ट्विटर पर इसे कुछ इस तरह साझा किया।

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