साहित्यकार कृष्णा सोबती को मिलेगा 2017 का ज्ञानपीठ पुरस्कार

Writer Krishna Sobti will honored by Gyanpeeth award in literature
साहित्यकार कृष्णा सोबती को मिलेगा 2017 का ज्ञानपीठ पुरस्कार
साहित्यकार कृष्णा सोबती को मिलेगा 2017 का ज्ञानपीठ पुरस्कार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार वर्ष 2017 हिन्दी की लब्धप्रतिष्ठित लेखिका कृष्णा सोबती को दिए जाने की घोषणा कर दी गई है। साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कार किसी भी लेखक के लिए प्राप्त करना गौरव की बात होती है। कृष्णा सोबती को 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा।

 

कृष्णा सोबती को उनके उपन्यास ‘जिंदगीनामा’ के लिए वर्ष 1980 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। उन्हें 1996 में अकादमी के उच्चतम सम्मान साहित्य अकादमी फैलोशिप से नवाजा गया था। कृष्णा सोबती के प्रमुख रचनाकर्म में ज़िन्दगीनामा, ऐ लड़की, मित्रों मरजानी और जैनी मेहरबान सिंह शामिल है।

 

ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई ने बताया कि वर्ष 2017 के लिए दिया जाने वाला 53वां ज्ञानपीठ पुरस्कार हिन्दी साहित्य की सशक्त हस्ताक्षर कृष्णा सोबती को साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पुरस्कार चयन समिति की बैठक में कृष्णा सोबती को वर्ष 2017 का ज्ञानपीठ पुरस्कार देने का निर्णय किया गया।

 

गौरतलब है कि ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। जबकि गत 2016 का ज्ञानपीठ पुरस्कार बांग्ला लेखक शंख घोष को दिया गया था।

 

ज्ञानपीठ पुरस्कार में 11 लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। 1965 में 1 लाख रुपए की पुरस्कार राशि से प्रारंभ हुए इस पुरस्कार को 2005 में 7 लाख रुपए कर दिया गया, जो वर्तमान में 11 लाख रुपए हो चुका है। 2005 के लिए चुने गए हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे जिन्हें 7 लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।

Created On :   3 Nov 2017 12:15 PM GMT

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