प्रतिक्रिया: पाकिस्तान-सऊदी अरब रक्षा समझौता ने भारत की बढ़ाई चिंता

- पाक- सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते से भारत की राजनीति में हलचल
- पाकिस्तान को सऊदी अरब से वित्तीय , नए हथियार या तकनीकी मदद मिलेगी
- मदद से सीमा पार आतंकवाद को मिलेगी ताकत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पहले आपको बता दें पाक और सऊदी अरब के बीच हुए समझौते में कहा गया है कि किसी भी आक्रमण को दोनों देशों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। इस समझौते पर दोनों देशों के प्रमुखों के हस्ताक्षर है। समझौता सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा उपकरण, तकनीक साझा करने और आतंकवाद निरोधक सहयोग जैसे मुद्दों पर आधारित है। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते ने भारत की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। सऊदी अरब भी अपनी सुरक्षा को लेकर नए गठजोड़ तलाश रहा है।
भारत के लिए यह समझौता इसलिए चिंता का विषय है क्योंकि पाकिस्तान पहले ही भारत के साथ सीमा विवाद और आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। यदि पाकिस्तान को सऊदी अरब से वित्तीय , नए हथियार या तकनीकी मदद मिलती है, तो पाकिस्तान की सैन्य ताकत बढ़ सकती है , जिससे भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर असर पड़ सकता है। भारत को आशंका है कि इस मदद से सीमा पार आतंकवाद को और अधिक ताकत मिल जाएगी। हालांकि भारत और सऊदी अरब के बीच पहले से ही ऊर्जा और व्यापारिक संबंध मजबूत हैं, लेकिन अब यह समझौता रिश्तों में जटिलता ला सकता है। इससे भारत को अपनी रक्षा नीति और विदेश नीति दोनों में नए संतुलन बनाने की जरूरत होगी।
पाक और सऊदी अरब के बीच उच्चस्तरीय बैठक के बाद समझौते पर साइन किए गए है। समझौते पर सऊदी अरब की राजधानी रियाद में उस वक्त हस्ताक्षर हुए, जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और सऊदी अरब के रक्षा अधिकारियों के बीच मुलाकात हुई। आपको बता दें पाकिस्तान लंबे समय से सऊदी अरब से आर्थिक और रणनीतिक मदद मांगता रहा है। अब दोनों देशों के बीच हुए समझौते से पाकिस्तान को सैन्य क्षमता और रक्षा में मजबूती मिलेगी। डील से पाकिस्तान को आधुनिक हथियारों और ट्रेनिंग का लाभ मिलेगा, जबकि सऊदी को क्षेत्रीय स्थिरता में पाकिस्तान का समर्थन मिलेगा।
Created On :   18 Sept 2025 2:46 PM IST