सावरकर के सपनों का नहीं, भगत सिंह के सपनों का भारत बनाना है : कन्हैया

सावरकर के सपनों का नहीं, भगत सिंह के सपनों का भारत बनाना है : कन्हैया

IANS News
Update: 2019-12-16 17:30 GMT
सावरकर के सपनों का नहीं, भगत सिंह के सपनों का भारत बनाना है : कन्हैया

पूर्णिया, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में यहां सोमवार को जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि हमें सावरकर के सपनों का नहीं, बल्कि भगत सिंह और अंबेडकर के सपनों का भारत बनाना है।

उन्होंने एनआरसी के नतीजों से सतर्क रहने की अपीन करते हुए कहा कि यह हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं है, बल्कि यह संविधान से जुड़ा मामला है। संविधान को दूषित होने से बचाने का मामला है।

पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में सीएए और एनआरसी के विरोध में आयोजित जन प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा, यह लड़ाई एक दिन की नहीं है। यह लड़ाई लंबी चलेगी। उन्होंने इसके लिए युवाओं के जोश और होश में रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि इस लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाना है।

सीएए और एनआरसी को संविधान की आत्मा पर हमला बताते हुए उन्होंने कहा, आज संविधान पर संकट आ खड़ा हुआ है। संविधान को बचाने की जरूरत है। संविधान की मूल भावना है कि किसी भी नागरिक के साथ जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा, लेकिन इसके ठीक उलटा किया जा रहा है। जिन लोगों को अपने देश के संविधान से प्यार नहीं है, वे ही ऐसे काले कानून का समर्थन कर रहे हैं।

उन्होंने युवाओं से संयमित और अनुशासित रहने की अपील करते हुए कहा कि इन दोनों चीजों से किसी भी आंदोलन को हर हाल में जीता जाता है।

इस रैली में सीमांचल के कई गैर-भाजपा दलों के विधायक और अन्य नेता शामिल हुए। रैली में सीमांचल इलाके के हजारों लोग, खासकर मुसलमान बड़ी संख्या में शामिल हुए।

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