भारत है दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीदार :रिपोर्ट

भारत है दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीदार :रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-18 15:05 GMT
भारत है दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीदार :रिपोर्ट
हाईलाइट
  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का खरीदार है।
  • इस सप्ताह जारी की गई रिपोर्ट के इन आंकड़ों के मुताबिक भारत ने 2008-12 की पांच वर्षों की अवधि की तुलना में पिछले पांच साल 2013-18 में हथियारों का आयात 24% बढ़ा है।
  • पकिस्तान और चीन के द्वारा दिए जा रहे दबाव के कारण भारत में प्रमुख हथियारों की मांग में वृद्धि हुई है
  • पिछले पांच सालों की तुलना में पकिस्तान का अमेरिका से हथियारों का आयात घटा है जबकि चीन से उसके हथि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का खरीदार है। पिछले 5 सालों के दौरान भारत ने हथियारों की वैश्विक खरीद में से 12% हथियारों की खरीद की है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए हथियारों का स्वयं से निर्माण करने में सक्षम नहीं है। इस सप्ताह जारी की गई रिपोर्ट के इन आंकड़ों के मुताबिक भारत ने 2008-12 की पांच वर्षों की अवधि की तुलना में पिछले पांच साल 2013-18 में हथियारों का आयात 24% बढ़ा है। 

कांग्रेस शासन की तुलना में BJP सरकार ने कम की खरीद
सिपरी के वरिष्ठ शोधकर्ता सिमोन विजीमैन ने लिखा है, "पकिस्तान और चीन के द्वारा दिए जा रहे दबाव के कारण भारत में प्रमुख हथियारों की मांग में वृद्धि हुई है, जिसका वह स्वयं से उत्पादन करने में सक्षम नहीं है।" उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि चीन अपने हथियारों की स्वयं की जरूरतों का खुद से उत्पादन करने की क्षमता रखता है। सीपरी की रिपोर्ट में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक भारत का कुल रुझान-संकेतक मूल्य (TIV)2008-12 के दौरान 14,608 था जो 2013-17 में बढ़कर 18,048 तक पहुंच गया है। हालांकि भारत द्वारा हथियार खरीद कांग्रेस सरकार के अंतिम तीन साल की तुलना में BJP सरकार के पिछले तीन साल के दौरान कम हुई है।  

पिछले 5 सालों में घटा है पकिस्तान का हथियार आयात 
2011-13 में मनमोहन सिंह के शासनकाल के दौरान भारत ने 13,319 TIV मूल्य के हथियारों का विदेशों से आयात किया था, जबकि 2015-17 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतर्गत केवल 9,499 TIV मूल्य के हथियार खरीदे गए हैं। 2014 में जब दोनों नेता सत्ता में थे तब उस दौरान 3,227 TIV मूल्य के हथियारों की खरीद हुई थी। बता दें कि भारत की तुलना में पकिस्तान द्वारा हथियार आयात में पिछले पांच सालों में लगातार कमी आई है। पिछले पांच सालों की तुलना में पकिस्तान का अमेरिका से हथियारों का आयात घटा है जबकि चीन से उसके हथियार आयात में वृद्धि हुई है। 

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