मानसून में भी कम बरस रहे बादल, देशभर में औसत से 28% कम बारिश

मानसून में भी कम बरस रहे बादल, देशभर में औसत से 28% कम बारिश

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-04 14:22 GMT
मानसून में भी कम बरस रहे बादल, देशभर में औसत से 28% कम बारिश
हाईलाइट
  • 55 फीसदी कृषि भूमि सिंचाई के लिए मानसूनी बारिश पर है निर्भर
  • देशभर में औसत से 28% कम बारिश - मौसम विभाग
  • मध्यप्रदेश में 43% ज्यादा
  • केरल में 87% कम हुई बारिश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून सीजन के 5वें सप्ताह में भी बारिश में कमी बरक़रार है। सामान्यतः पिछले मानसूनों में जितनी बारिश होती रही है, उससे लगभग 28% कम बारिश अब तक देश भर में हो पाई है। पिछले सप्ताह भी बारिश में 24% की कमीं थी। मौसम विभाग की 3 जुलाई को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार मध्य और पश्चिमी भारत में  तो अच्छी बारिश हुई है। हालांकि जून की शुरुआत से लेकर 3 जुलाई के बीच पिछले 50 सालों की औसत से 6% कम बारिश हुई है। 

बता दें कि, 2.5 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था वाले भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में कृषि की भागीदारी लगभग 15 फीसदी है। साथ ही भारत की 55 फीसदी कृषि भूमि सिंचाई के लिए मानसूनी बारिश पर निर्भर है। सबसे कम रफ्तार से तरक्की करने वाली अर्थव्यस्था के लिए मानसून का कमजोर रहना चिंता का विषय है। साथ ही इस कम बारिश से फसलों की पैदावार पर असर पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार अब तक मध्य भारत में 43% ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो कपास और सोयाबीन की फसलों के लिए फायदेमंद रहेगी। वहीं भारत में चाय और रबड़ का उत्पादन करने वाले केरल में 87% बारिश कम हुई है, जिससे वहां की पैदावार पर फर्क पड़ेगा। 

अब तक मानसून ने राजधानी दिल्ली में दस्तक नहीं दी है। आमतौर पर मानसून दिल्ली में 1 जुलाई को दस्तक देता है, लेकिन इस बार मानसून करीब एक सप्ताह की देरी से है। मौसम विभाग के अनुसार 5-6 जुलाई तक दिल्ली में मानसून का आगमन हो जायेगा। गुरुवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई। अगले 48 घंटे में मानसून के मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के बाकी हिस्सों में पहुंचने की संभावना है। 

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