क्यों JeM कमांडर मुन्ना लाहौरी को मार गिराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है?

क्यों JeM कमांडर मुन्ना लाहौरी को मार गिराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है?

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-27 17:40 GMT
क्यों JeM कमांडर मुन्ना लाहौरी को मार गिराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है?
हाईलाइट
  • इनमें से एक की पहचान JeM का टॉप कमांडर मुन्ना लाहौरी के रूप में हुई है
  • जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने शनिवार को दो आतंकियों को मार गिराया
  • मुन्ना लाहौरी को मार गिराना भारत के लिए बड़ी सफलता है

डिजिटल डेस्क, जम्मू। एक जॉइंट ऑपरेशन में, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने शनिवार को दो आतंकियों को मार गिराया। इनमें से एक आतंकी पाकिस्तानी नागरिक है। पुलिस ने इसकी पहचान जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के टॉप कमांडर मुन्ना लाहौरी के रूप में की है। लाहौरी की मौत जैश के लिए बहुत बड़ा झटका है और भारत के लिए बड़ी सफलता। विशेष रूप से ऐसे समय में जब जैश ने अपनी स्ट्रैटजी को स्टैंड-ऑफ अटैक से आईईडी विस्फोटों पर शिफ्ट कर लिया है।

मुन्ना लाहौरी शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (IED) बनाने में माहिर था। 1990 के दशक की शुरुआत में घाटी में IED का उपयोग किया गया था। ज्यादातर IED की तस्करी पाकिस्तान से की जाती थी। हालांकि, घाटी में विदेशी आतंकवादियों के आने के साथ ही उन्होंने स्थानीय रूप से IED को असेंबल करना शुरू कर दिया। 90 के दशक के मध्य में, सूडानी रसायन इंजीनियर इब्नी मसूद घाटी के सबसे लोकप्रिय विस्फोटक विशेषज्ञों में से एक था। मसूद ने स्थानीय आतंकवादियों को भी IED बनाने की ट्रेनिंग दी थी। वह उत्तरी कश्मीर के सोपोर में एक ऑपरेशन में मारा गया था।

हालांकि इसके बावजूद, स्थानीय आतंकवादियों को IED बनाने में बहुत कम विशेषज्ञता थी जिसके परिणामस्वरूप पिछले दशक में कम IED विस्फोट हुए। जैश के एक आतंकवादी ने फरवरी में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर लेथपोरा में अर्धसैनिक बल के एक काफिले में अपनी विस्फोटक से लदी कार से टक्कर मार दी थी, जिससे 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान शहीद गए थे। इस घटना के बाद घाटी में उग्रवादियों ने एक बार फिर से अपना ध्यान IED धमाकों की तरफ कर लिया था।

लेथपोरा हमले के बाद, आतंकवादियों ने रामबन में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर एक अन्य कार बम विस्फोट करने का असफल प्रयास किया था। इस विस्फोट से वह एक अर्धसैनिक बल के काफिले को निशाना बनाना चाहते थे। इसके बाद पुलवामा के अरिहल में एक और कार बम धमाका हुआ था जिसमें दो सैनिक शहीद हो गए थे और एक दर्जन के करीब घायल हो गए थे।

पुलिस का कहना है कि लाहोरी स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों से IED की असेंबलिंग करने में माहिर था। हाल के आईईडी हमलों के पीछे लाहौरी का दिमाग था - विशेष रूप से रामबन और अरहाल कार बम धमाका।

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