राजस्थान में मलसीसर डैम टूटा, कई गांवों में घुसा पानी, रेस्क्यू कार्य जारी

राजस्थान में मलसीसर डैम टूटा, कई गांवों में घुसा पानी, रेस्क्यू कार्य जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-01 09:12 GMT
राजस्थान में मलसीसर डैम टूटा, कई गांवों में घुसा पानी, रेस्क्यू कार्य जारी

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में झुंझुनू जिले की कुंभाराम लिफ्ट परियोजना का डैम शनिवार दोपहर अचानक टूट गया। जिससे आस-पास के कई गांवों में पानी भर गया। बता दें कि डैम में तीन जगहों पर दरारें आईं थीं। पानी प्रोजेक्ट के पंप हाउस, क्लोरिग हाउस सहित अन्य मशीनों में भी भर गया, जिससे प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है। मलसीसर तहसील मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर बने इस डैम के टूटने से करोड़ों लीटर पानी बर्बाद हो गया। मलसीसर तहसील मुख्यालय से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की चार टीम मौके पर पहुंची हैं।

 

 

15 लाख क्यूबिक लीटर पानी गांवों में घुसा

करीब 15 लाख क्यूबिक लीटर पानी की क्षमता वाले इस डैम से झुंझुनूं और सीकर जिले में पानी की आपूर्तिं होती थी। अब दोनों जिलों में पानी के संकट के हालात उत्पन्न हो सकते हैं। जिला प्रशासन और सिचाई विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। इस बाढ़ से गांवों में दहशत का माहौल है और चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई है। जिला प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है। फिलहाल स्थिति जस की तस बनी हुई है. स्‍थानीय विधायक नरेन्‍द्र कुमार और झुंझुनूं जिला कलेक्‍टर दिनेश कुमार भी मौके का मुआयना करने पहुंचे। 

 

 

इस बांध की उंचाई करीबन 9 मीटर से अधिक है और यह पूरा पानी से भरा हुआ है। जेसीबी के माध्‍यम से मिट्टी भी डलवाई जा रही है। बता दें कि झुंझुनूं और सीकर को मीठे पानी की आपूर्ति के लिए इस परियोजना के तहत डैम से पानी की आपूर्ति की जाती थी। इसके लिए स्टोरेज डैम, पंप हाउस और क्लोरिन हाउस बने हुए हैं। शुक्रवार दोपहर लगभग 1 बजे बांध के ऊपर का हिस्सा अचानक टूट गया और उसका पानी बाहर आ गया। उस समय बांध में 9 मीटर से अधिक पानी भरा हुआ था।


बांध का पानी पंप हाउस और क्लोरिन मशीनरी में घुस गया जिससे परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। बांध के टूटने की जानकारी मिलते ही अलसीसर कस्बे में हड़कंप मच गया। लगभग 588 करोड़ रुपए की लागत की इस परियोजना की शुरुआत जुलाई 2013 में हुई थी। बांध कैसे टूटा इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी में स्पेशल प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर महेश करल, रूरल के डीएम जैन व जायका प्रोजेक्ट के सीएस चौहान को शामिल किया गया है।

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