महिला आरक्षण बिल : कांग्रेस और बीजेपी दोनों को एक साथ आना चाहिए - मीनाक्षी लेखी

 महिला आरक्षण बिल : कांग्रेस और बीजेपी दोनों को एक साथ आना चाहिए - मीनाक्षी लेखी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-18 07:37 GMT
हाईलाइट
  • पत्र में महिला आरक्षण विधेयक के साथ तीन तलाक और हलाला मामले को भी जोड़ा है।
  • पत्र में लिखा
  • महिला आरक्षण महिला अधिकारों के मामले में नहीं होना चाहिए दोहरा मापदंड।
  • पत्र के जरिए उन्होंने तीन तलाक और निकाह हलाला जैसे मसलों पर मिलकर कानून बनाने के लिए समर्थन मांगा।
  • राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पत्र की सराहना की।

डिजियल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पत्र की सराहना की। दरअसल केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का जवाब दिया है। रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र में लिखा, महिला आरक्षण महिला अधिकारों के मामले में नहीं होना चाहिए दोहरा मापदंड। पत्र में महिला आरक्षण विधेयक के साथ तीन तलाक और हलाला मामले को भी जोड़ा है। उन्होंने लिखा कि राहुल तीन तलाक और हलाला पर भी सरकार का साथ दें। पत्र के जरिए उन्होंने तीन तलाक और निकाह हलाला जैसे मसलों पर मिलकर कानून बनाने के लिए समर्थन मांगा। कांग्रेस तीन तलाक और निकाह हलाला जैसे मुद्दों पर भी सरकार के साथ मिलकर काम करें ताकि मुस्लिम महिलाओँ को इंसाफ मिले। जिस पर भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। 

 

 

बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि, यह बहुत ही अच्छा है, जो रविशंकर प्रसाद ने किया, मेरा सोचना है कि देश को आगे बढ़ने की आवश्यकता है और महिलाओं के बीच भेदभाव न करे। मुझे लगता है कि देश महिलाओं के बीच भेदभाव नहीं करता है, इसलिए उन सभी को ध्यान में रखना चाहिए, जो समानता और समान भागीदारी के लिए बहुत ही बुनियादी अधिकार रखते हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक साथ आना चाहिए न कि महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करने के तरीके खोजना चाहिए। निकह हलला, बहुभुज, ट्रिपल तालाक पर दंडनीय कार्यवाही करनी चाहिए और कांग्रेस को इन कृत्यों का समर्थन करना चाहिए।

 

 

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा था, "मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप संसद के आगामी मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने में सहयोग करें। राहुल ने इस पत्र में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए विधेयक लाए जाने की बात की थी। 

 

 

संसद का मानसून सत्र बुधवार से शुरू हो चुका है। गौरतलब है कि महिला आरक्षण विधेयक 9 मार्च, 2010 को राज्यसभा में पारित किया गया था, लेकि पिछले 8 सालों से यह लोकसभा में पारित नहीं हो पाया। उस दौरान तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया था। हालांकि की इतनी सालों बाद भी यह  बिल पास होगा या नहीं कुछ कहा नही जा सकता। 

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