नसबंदी से बच रहे हैं पुरुष, आंकड़ों में लगातार गिरावट

नसबंदी से बच रहे हैं पुरुष, आंकड़ों में लगातार गिरावट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-04 15:05 GMT
नसबंदी से बच रहे हैं पुरुष, आंकड़ों में लगातार गिरावट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमित कुमार। प्रदेश में बीते नौ सालों में पुरुषों की नसबंदी में लगातार गिरावट आ रही है। जबकि महिलाओं कि नसबंदी का आंकडा स्थिर बना हुआ है। राज्य सरकार हर साल नसबंदी के लिए निर्धारित लक्ष्य के करीब पहुंच जाती है पर नसबंदी कराने में पुरुषों की भागीदारी बहुत कम रहती है। प्रदेश में साल 2009-10 के दौरान परिवार नियोजन के लिए हुए कुल ऑपरेशन में पुरुषों के नसबंदी का प्रतिशत सिर्फ 6.4 था जबकि साल 2017-18 में अब तक सिर्फ 2.3 प्रतिशत पुरुषों ने नसबंदी कराई है। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि राज्य में उच्च शिक्षित पुरुषों के बजाय किसान व मजदूर नसबंदी ज्यादा कराते हैं।

गडचिरोली के पुरुष आगे
विदर्भ के नक्सल प्रभावित जिले गडचिरोली में नसबंदी कराने वाले पुरुषों की संख्या अधिक होती है। अधिकारी ने बताया कि सरकार ने साल 2017-18 में 56 लाख 50 हजार नसबंदी का लक्ष्य रखा है। जिसमें से अब तक 19 लाख महिलाओं और 4 हजार 658 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। केवल तय लक्ष्य का 35 प्रतिशत नसबंदी ही पूरी हो सकी है। इस दौरान पुरुषों की नसबंदी केवल 2.3 प्रतिशत हुई है। यह आंकडे अक्टूबर 2017 तक के हैं। अधिकारी के मुताबिक विदर्भ के जिलों में दिसंबर में खेतों में काम करने के बाद अधिकांश पुरुष नसबंदी के लिए आते हैं।

नसबंदी का ये था लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने साल 2009-10 में 65 लाख नसबंदी का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 49 लाख 94 हजार महिला और 3 लाख 45 हजार पुरुषों ने नसबंदी कराई थी। इस वर्ष नसबंदी 82 प्रतिशत हुई। जिसमें 6.4 प्रतिशत पुरुषों ने नसबंदी कराई थी। साल 2010-11, साल 2011-12 और साल 2012-13 में हर साल 55 लाख नसबंदी का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें साल 2010-11 में 90 प्रतिशत नसबंदी हुई। इस साल 5.6 प्रतिशत पुरुषों ने नसबंदी कराई। साल 2011-12 में भी 90 प्रतिशत नसबंदी हुई। इसमें पुरुष नसबंदी 4.1 प्रतिशत हुई। साल 2012-13 में 92 प्रतिशत नसबंदी हुई। जिसमें से 3.7 प्रतिशत पुरुषों ने नसबंदी कराई। 
साल 2013-14 में 56 लाख नसबंदी का लक्ष्य तय किया गया था। इस साल 90 प्रतिशत नसबंदी हुई। जिसमें 3.4 प्रतिशत पुरुषों ने नसबंदी कराई।

साल 2014-15, साल 2015-16 और 2016-17 में हर साल 56 लाख 50 हजार नसबंदी का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से साल 2014-15 में 84 प्रतिशत नसबंदी हुई। जिसमें पुरुष नसबंदी 3.1 प्रतिशत हुई। साल 2015-16 में 82 प्रतिशत नसबंदी हुई। इस साल पुरुष नसबंदी 3.2 प्रतिशत रहा। साल 2016-17 में 80 प्रतिशत नसबंदी हुई। इसमें पुरुष नसबंदी का आंकडा घट करके 3 प्रतिशत पर सीमट गया।  

राज्य सरकार की तरफ से सरकारी अस्पतालों में नसबंदी कराने पर पुरुषों को 1500 रुपए दिए जाते हैं। जबकि बीपीएल, एससी और एसटी महिलाओं को नसबंदी के लिए 1000 रुपए प्रदान दिए जाते हैं। वहीं गरीबी रेखा के ऊपर जीवनयापन करने वाली महिलाओं को नसबंदी के लिए 650 रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा सरकार की तरफ से निजी संस्थाओं को नसबंदी करने के लिए राशि उपलब्ध कराई जाती है। निजी संस्थाओं को पुरुष नसबंदी के लिए 1500 रुपए दिए जाते हैं। बीपीएल, एसटी और एससी महिलाओं की नसबंदी के लिए भी 1500 रुपए दिए जाते हैं। राज्य सरकार केंद्र के आदेश के अनुसार यह राशि उपलब्ध कराती है। 


पुरुष नसबंदी का गिरता ग्राफ 

वर्ष
2009-10                6.4 
2010-11                5.6 
2011-12                4.1
2012-13                3.7 
2013-14                3.4 
2014-15                3.1 
2015-16                 3.2 
2016-17                 3.0 
2017-18                 2.3 (अक्टूबर 2017 तक)

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