अफसोस! अधुरी ही रह गई मिल्खा सिंह की आखिरी ख्वाहिश

अफसोस! अधुरी ही रह गई मिल्खा सिंह की आखिरी ख्वाहिश

IANS News
Update: 2021-06-19 10:30 GMT
अफसोस! अधुरी ही रह गई मिल्खा सिंह की आखिरी ख्वाहिश
हाईलाइट
  • मरने से पहले मिल्खा सिंह का एक सपना है-हिंदुस्तान को ओलंपिक में मेडल मिले

नई दिल्ली, 19 जून। मिल्खा सिंह इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। जब तक जीते रहे भारत के खेल जगत से जुड़ा एक सपना हमेशा देखते रहे। अफसोस की उनके अलविदा कहने तक भी उनका सपना पूरा नहीं हो सका। साठ साल पहले मिल्खा सिंह ओलंपिक पदक जीतने से चूक गए थे। इसके बाद हमेशा उनका सपना रहा कि भारत ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते।

एक बार य युवा एथलिटों के एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मिल्खा ने ये ख्वाहिश व्यक्त की थी। मिल्खा ने कहा था कि उनका सपना है कि भारत को ओलंपिक में पदक मिले। उन्होंने कहा था कि मरने से पहले मैं ऐसा होते देखना चाहता हूं। आपको बता दें भारत अब तक ओलंपिक में  एथलेटिक्स में कोई पदक नहीं जीत सका है। अपने जीतेजी मिल्खा सिंह ने कभी खेल और खिलाड़ियों से दूरी नहीं बनाई। वो हमेशा युवा खिलाड़ियों से मिलते रहे और उनमें जोश भरते रहे। इसी दौरान अक्सर उन्होंने रोम ओलंपिक्स को भी याद  किया। रोम ओलंपिक को याद करते हुए वो अक्सर यही कहा करते थे कि वो जिस गौरव को हासिल करने से चूक गए उसे दूसरे युवाओं को प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए।

एथलेटिक्स कोच शिव कुमार जोशी के मुताबिक वो हर हफ्ते में एक या दो बार स्टेडियम का दौरा जरूर किया करते थे। खिलाड़ियों को मिल रहे प्रशिक्षण पर भी चर्चा करते थे। चंडीगढ़ एथलेटिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष  रहते हुए भी वो हमेशा खिलाड़ियों को मिल रहे प्रशिक्षण के बारे में जानते सुनते रहे।

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