ओमिक्रोन संक्रमण भविष्य में कोरोना की घातकता में कमी करेगा, डेल्टा से सुरक्षा देगा

शोध में किया गया दावा ओमिक्रोन संक्रमण भविष्य में कोरोना की घातकता में कमी करेगा, डेल्टा से सुरक्षा देगा

IANS News
Update: 2022-01-21 12:30 GMT
ओमिक्रोन संक्रमण भविष्य में कोरोना की घातकता में कमी करेगा, डेल्टा से सुरक्षा देगा
हाईलाइट
  • ओमिक्रोन पीड़ित मरीजों को बाद में डेल्टा संक्रमण नहीं हो सकता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।दक्षिण अफ्रीकी शोधकर्ताओं ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से पीड़ित मरीजों पर अध्ययन कर कहा है कि इससे भविष्य में इस रोग की घातकता में कमी आएगी और लोगों को जानलेवा डेल्टा विषाणु के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेगा।शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि जिन्हें पहले डेल्टा विषाणु का संक्रमण हुआ था, वे ओमिक्रोन संक्रमण से ग्रस्त हो सकते हैं लेकिन वैक्सीन लगवा चुके ओमिक्रोन पीड़ित मरीजों को बाद में डेल्टा संक्रमण नहीं हो सकता है।

अफ्रीका स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक एलेक्स सिगल ने इन नतीजों पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा इसका मतलब यह है कि डेल्टा समाप्ति की राह पर है क्योंकि अगर लोग वैक्सीन लगवाते हैं और ओमिक्रोन संक्रमण के बाद उनमें डेल्टा संक्रमण नहीं देखा गया है। लेकिनजिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है और उनमें ओमिक्रोन संक्रमण हुआ है तो उनमें डेल्टा के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित नहीं देखी गई है।उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हमारे शोध में इस बात की जानकारी मिली है कि ओमिक्रोन संक्रमण से ग्रस्त मरीजों को डेल्टा संक्रमण से इम्युनिटी हासिल हो जाती है।

इस अध्ययन में दक्षिण अफ्रीका में 23 लोगों के नमूनों का इस्तेमाल किया गया जो नवंबर और दिसंबर में ओमिक्रॉन से संक्रमित थे।इस शोध में कुछ प्रतिभागियों का टीकाकरण नहीं हुआ था, जबकि अन्य को फाइजर या जॉनसन एंड जॉनसन के टीके लगे हुए थे।जिन लोगों को पहले कोरोना वैक्सीन लगी हुई थी उनमें ओमिक्रोन से लड़ने वाले एंटीबाडीज की संख्या 13.7गुना ज्यादा थी लेकिन बिना टीका लगे लोगों में यह मात्र 4.4 गुना ही पाई गई थी।

वैक्सीन लगे लोगों में डेल्टा वायरस को निष्प्रभावी करने की क्षमता में 6.6 गुना बढी पाई गई थी लेकिन बिना वैक्सीन वाले प्रतिभागियों में केवल 2.5 गुना ही पाई गई है।शोधकर्तार्ओं ने कहा कि टीका लगवा चुके प्रतिभागियों में ओमिक्रोन वायरस के की तुलना में डेल्टा के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली देखी गई थी लेकिन बिना टीका लगे लोगों में ऐसा नहीं था।शोधकर्तार्ओं ने कहा, यह दर्शाता है कि ओमिक्रोन डेल्टा की तुलना में कम घातक है और यही संकेत मिलता है कि इससे कोविड के मामलों में कमी हो सकती है।

इस अध्ययन का हवाला देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि ओमिक्रोन ने उन लोगों में डेल्टा के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की जिन्हें टीका लगाया गया था।उन्होंने ट्वीट किया, टीकाकरण के बाद ओमिक्रोन संक्रमण डेल्टा के खिलाफ भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। लेकिन बिना टीकाकरण वाले लोगों में यह प्रतिरक्षा उत्पन्न नहीं करता है। इसलिए, संक्रमण टीकाकरण का विकल्प नहीं है और लोगों को कोरोना से बचने के लिए टीकारकण बहुत जरूरी है।

शोधकर्ताओं ने कहा है किए ये नतीजे बताते हैं जिन लोगों को पहले डेल्टा संक्रमण हो चुका है उनमें ओमिक्रोन संक्रमण हो सकता है यानि इस बात की पुष्टि होती है कि यह शरीर में डेल्टा के खिलाफ हासिल की गई प्रतिरक्षा को भेदने में सक्षम है। जिस तरह से विश्व के देशों में ओमिक्रोन के मामले डेल्टा की तुलना में अधिक आ रहे हैं और इसकी घातकता भी कम है,उसे देखकर लगता है कि कोविड की गंभीरता कम हो जाएगी और संक्रमण व्यक्तियों और समाज के लिए कम घातक हो सकता है।

 

(आईएएनएस)

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