UP: कोर्ट में बदमाशों ने बरसाईं ताबड़तोड़ गोलियां, जज ने भागकर बचाई जान, एक की मौत

UP: कोर्ट में बदमाशों ने बरसाईं ताबड़तोड़ गोलियां, जज ने भागकर बचाई जान, एक की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-17 16:19 GMT
UP: कोर्ट में बदमाशों ने बरसाईं ताबड़तोड़ गोलियां, जज ने भागकर बचाई जान, एक की मौत

डिजिटल डेस्क, बिजनौर। उत्तरप्रदेश के बिजनौर में CJM अदालत में गैंगवार में पेशी पर आए हत्या के दो आरोपियों पर शार्प शूटरों ने हमला बोल दिया। हमलावरों ने कोर्ट में करीब 25 राउंड फायर किए, इसमें मुख्य आरोपी शाहनवाज की मौत हो गई, जबकि दूसरा आरोपी फरार हो गया है। हमले में दो पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी है। बताया गया कि हमलावरों को कोर्ट परिसर में ही घेर लिया गया था। इस दौरान ऐसे हालात बने कि जज को भी भागकर जान बचानी पड़ी। वहीं कोर्ट परिसर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। 

इसी साल 28 मई को नजीबाबाद में शॉपिंग कांप्लेक्स के कार्यालय में प्रॉपर्टी डीलर हाजी अहसान व उनके भांजे शादाब की नजीबाबाद में गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने दानिश को मुंबई और जब्बार व शाहनवाज को दिल्ली से दबोचा था।

जानकारी अनुसार बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेता हाजी अहसान और उनके भांजे शादाब की 28 मई 2019 को उन्हीं के दफ्तर में हत्या कर दी गई थी। वारदात को अंजाम देने वाले हत्या के आरोपियों शाहनवाज और जब्बार को दिल्ली की तिहाड़ जेल से मंगलवार को बिजनौर की सीजेएम कोर्ट लाया गया था। सुनवाई शुरू हुई तो वहां सीजेएम योगेश कुमार, दिल्ली पुलिस का जवान संजीव, कोर्ट मोहर्रिर (यूपी पुलिस का जवान) मनीष कुमार मौजूद थे। इसी बीच कोर्ट परिसर में पहले से मौजूद 3 शार्प शूटरों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। इस दौरान तकरीबन 25 राउंड गोलियों की आवाज सुनाई दीं।

इस हमले में आरोपी शाहनवाज की मौत हो गई, जबकि जब्बार इस सबके बीच जान बचाकर कोर्ट से रूम से भाग निकला। हालांकि, मनीष और संजीव गोली लगने की वजह से जख्मी हो गए। सीजेएम योगेश कुमार इस घटना में बाल-बाल बच गए। वहीं वकीलों ने तीनों आरोपियों को घेरकर दबोच लिया। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के मुताबिक, शाहनवाज और जब्बार दोनों का आपराधिक इतिहास है। शाहनवाज की गिनती मऊ से बाहुबली बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी के तौर पर भी होती थी। जब्बार के खिलाफ गंभीर धाराओं में नौ मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में जब्बार ने खुलासा किया था कि वह नजीबाबाद का डॉन बनने के साथ विधायक बनने की चाहत रखता था। इसी वजह से हाजी अहसान व उनके भांजे की हत्या कराकर दहशत फैलाना मकसद था। अहसान को रास्ते से हटाकर जमीनों पर जब्बार कब्जा करना चाहता था। बड़े लोगों से रंगदारी मांगने की भी वह योजना बना रहा था।

सीओ नजीबाबाद प्रवीण कुमार सिंह के मुताबिक बसपा नेता की हत्या के बाद पुलिस पूछताछ में हुए खुलासे के मुताबिक जब्बार व दानिश ने प्रॉपर्टी डीलर हाजी अहसान व उनके भांजे की हत्या को अंजाम दिया था। हत्या शहनवाज ने कराई थी। 

शाहनवाज ने रिमांड पर पूछताछ के दौरान बताया था कि बसपा नेता अहसान उसकी हत्या कराना चाहता था, इसलिए उसने अहसान की हत्या कराई। अहसान उसके अलावा नजीबाबाद के कई लोगों की हत्या कराने की योजना बना रहा था। मंगलवार को पेशी के दौरान तीनों बदमाशों पर कोर्ट में हुए इस हमले के बाद इस प्रकरण ने नया मोड़ ले लिया है। वहीं सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल उठने लाजिमी हैं। 

बसपा नेता के हत्या के प्रकरण में यह भी खुलासा हुआ था कि नजीबाबाद का डॉन बनने के साथ विधायक बनने की चाहत में हाजी अहसान व उनके भांजे की हत्या कराई गई थी। शाहनवाज अहसान को रास्ते से हटाकर जमीनों पर कब्जे करना चाहता था। साथ ही बड़े लोगों से रंगदारी मांगने का उसका इरादा था।

हत्या की साजिश रचने में शामिल नजीबाबाद के गांव उब्बनवाला निवासी शूटर इकरार, नगीना देहात के गांव टांडा माईदास निवासी अफजाल, गांव कनकपुर निवासी दानिश उर्फ सोनू, नजीबाबाद के मोहल्ला पठानपुरा जाफ्तागंज निवासी आसिफ, गांव पाना हीमपुर निवासी असलम व गांव अलावलपुर निवासी इरशाद को दबोचा था। इकरार के पास से एक तमंचा, दो कारतूस व इरशाद के पास से बाइक व उसके पुर्जे बरामद हुए थे जबकि बाइक को कटवा दिया गया था।

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