राहुल को झटका,कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने बांधे मोदी सरकार की तारीफों के पुल

राहुल को झटका,कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने बांधे मोदी सरकार की तारीफों के पुल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-03 05:22 GMT
राहुल को झटका,कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने बांधे मोदी सरकार की तारीफों के पुल

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। लोकसभा चुनाव नजदीक आने को है। पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले शुरू हो चुके है। कांग्रेस पूरे जोश से मोदी सरकार को घेरने में लगी हुई है। इसबीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने केंद्र सरकार के तारीफों के पुल बांध दिए है। मोदी सरकार की जमकर आलोचना करने वाले चिदंबरम ने सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने बीजेपी सरकार की गंगा सफाई, राजमार्ग निर्माण एवं आधार को लेकर किए गए कार्यों की प्रशंसा की है। 

उन्होंने कहा कि एक दृढ़निश्चयी प्रयासों से ही गंगा नदी की सफाई संभव है। वह इसे लेकर गर्व महसूस करते है। चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार ने यूपीए सरकार के समय बनी आधार जैसी पहल को और मजबूत बनाया है। उन्होंने सरकार की तारीफ करते हुए कहा,"एनडीए का राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम सफल रहा है। वे यूपीए सरकार के मुकाबले प्रति दिन की तुलना में अधिक किलोमीटर सड़क का निर्माण कर रहे हैं।" 

इससे पहले चिदंबरम ने पुलवामा हमले पर ट्वीट कर सरकार से सवाल किए थे। उन्होंने कहा पुलवामा हमले की विफलता के आरोप पर सरकार जवाब देने को बाध्य है, क्योंकि घटना और उसके बाद के घटनाक्रम को नजरअंदाज करना या भूला नहीं जा सकता। उन्होंने द वीक पत्रिका की खबर का हवाला देते हुए कहा, "दिल्ली और राज्य की राजधानियों में स्थापित मल्टी एजेंसी सेंटर (मैक) का क्या हुआ।"

वहीं आईएनएक्स मीडिया मामले में पी.चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को सरकार से अनुमति मिल गई है। पूर्व वित्तमंत्री के खिलाफ जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी। बता दें कि कांग्रेस वरिष्ठ नेता पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया को विदेश निवेश की मंजूरी दी और इसके बाद करोड़ों रुपए की घूस ली। यह मामला वर्ष 2007 का है, तब पी चिदंबरम वित्तमंत्री थे। आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता के जरिए आईएनएक्स मीडिया को विदेश निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाई थी। आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश मिला था। कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी को अपने पिता से मिलवाया था। इसके बदले कार्ति को घूस के तौर पर करोड़ों रुपए लिए थे। मामले में सीबीआई ने 2017 में केस दर्ज कर कार्ति को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई। 
 

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