मिजोरम-असम बॉर्डर डिस्प्यूट पर सीनियर ऑफिशियल्स की मीटिंग, दोनों राज्यों ने अशांत सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर सहमति व्यक्त की

मिजोरम-असम बॉर्डर डिस्प्यूट पर सीनियर ऑफिशियल्स की मीटिंग, दोनों राज्यों ने अशांत सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर सहमति व्यक्त की

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-28 15:02 GMT
मिजोरम-असम बॉर्डर डिस्प्यूट पर सीनियर ऑफिशियल्स की मीटिंग, दोनों राज्यों ने अशांत सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर सहमति व्यक्त की
हाईलाइट
  • अशांत सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी
  • असम और मिजोरम के वरिष्ठ अधिकारियों की बॉर्डर हिंसा पर बैठक
  • गृह सचिव अजय भल्ला ने इस बैठक की अध्यक्षता की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को असम और मिजोरम के वरिष्ठ अधिकारियों - मुख्य सचिवों और डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) के साथ बॉर्डर हिंसा को लेकर बैठक की। गृह सचिव अजय भल्ला ने इस बैठक की अध्यक्षता की। असम के मुख्य सचिव ने बैठक के बाद कहा, असम और मिजोरम दोनों ने अशांत सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर सहमति व्यक्त की है।

असम के मुख्य सचिव ने कहा, "दोनों राज्य सरकारें राष्ट्रीय राजमार्ग 306 के साथ असम और मिजोरम के अशांत सीमा क्षेत्र में न्यूट्रल सीएपीएफ की तैनाती के लिए सहमत हुईं है। यह एक सीनियर सीएपीएफ ऑफिसर की देखरेख में किया जाएगा। राज्य सरकारें चर्चा के माध्यम से इस मुद्दे को हल करने के लिए सहमत हुई हैं।" मिजोरम के मुख्य सचिव ने बताया कि वर्तमान में सीमा पर स्थिति शांतिपूर्ण है, शांति बनाए रखने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। 

बता दें कि मिजोरम-असम सीमा पर स्थिति जून के अंत से तनावपूर्ण बनी हुई है। दरअसल, असम पुलिस ने मिजोरम पर अपने क्षेत्र में अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए वैरेंगटे से लगभग 5 किमी दूर "ऐतलंघनार" नामक क्षेत्र पर कथित रूप से नियंत्रण कर लिया था। इसके बाद से दोनों राज्यों के बीच विवादित क्षेत्र को लेकर बार-बार झड़पें होती रही हैं।

मिजोरम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बीते दिनों बताया था कि अज्ञात बदमाशों द्वारा आठ किसानों की झोपड़ियों में आग लगाने के बाद तनाव और बढ़ गया। यह घटना रात करीब 11.30 बजे की था। यह घटना शिलांग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के एक दिन बाद हुई थी, जिसमें सीमा का मुद्दा उठाया गया था। 

किसानों की झोपड़ियों में आग लगने से बढ़े तनाव के बाद उपद्रवियों की गोलीबारी में असम पुलिस के 6 जवान शहीद हो गए थे। 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

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