मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर SC ने सरकार से पूछा आपका इसमें क्या रोल ? पर्सनल लॉ बोर्ड को भी नोटिस

मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर SC ने सरकार से पूछा आपका इसमें क्या रोल ? पर्सनल लॉ बोर्ड को भी नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-16 05:07 GMT
हाईलाइट
  • मस्जिद में नमाज पढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
  • महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश और नमाज पढ़ने को लेकर दाखिल की गई है याचिका

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद में महिलाओं को नमाज पढ़ने की मांग से जुड़ी याचिका पर आज (मंगलवार) को सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, राष्ट्रीय महिला आयोग और सेंट्रल वक्फ काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।कोर्ट ने 4 हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि सरकार का इसमें क्या रोल है। 

 

याचिकाकर्ता दंपत्ति पत्नी यासमीन जुबेर अहमद पीरजादा और पति जुबैर अहमद नजीर अहमद पीरजादा ने कोर्ट में कहा, इस्लामिक धर्म ग्रंथ कुरान और हदीस के मुताबिक ऐसा कुछ भी नहीं है कि मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए लिंग के आधार पर प्रवेश मिले। याचिका में कहा गया है कि अगर मस्जिदों में महिलाओं को प्रवेश नहीं मिलता है तो मौलिक अधिकार 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन है। याचिका में कहा कि इससे बहुत महिलाएं प्रभावित हुई हैं लेकिन इस स्थिति में नहीं हैं कि कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकें। दंपत्ति ने कोर्ट से कहा है कि इस तरह की कोई भी प्रथा महिलाओं की गरिमा के लिए ठीक नहीं है।

 

दंपत्ति ने अपनी याचिका में स्पष्ट किया है कि मस्जिद में प्रवेश पर प्रतिबंध संविधान के तहत संवैधानिक और मौलिक अधिकार का उल्लंघन है क्योंकि इसमें जाति, लिंग और धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है। दंपत्ति की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अलग अलग राय है। कनाडा के इस्लामी धर्म गुरु के मुताबिक एक तरफ कुछ लोग कहते हैं कि इस्लाम में लिंग भेद मायने नहीं रखता तो दूसरी तरफ सऊदी अरब में एक इस्लामी धर्म गुरु के मुताबिक महिलाओं को मस्जिद जाने पर रोक लगा दी गई है।

इस समय जमात-ए-इस्लामी और मुजाहिद संप्रदायों के बीच मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति है। जबकि सुन्नी गुटों के मुताबिक महिलाओं को मस्जिद में नमाज अदा करने से रोक दिया जाता है। जबकि मुसलमानों की सबसे मुकद्दस स्थल मक्का-मदीना में महिलाओं के प्रवेश पर कोई रोक नहीं है। 

 

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